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This Article is From Jun 09, 2014

देहरादून फर्जी मुठभेड़ : 17 दोषी पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा

नई दिल्ली:

देहरादून में हुए एमबीए छात्र रणबीर सिंह के फर्जी एनकाउंटर केस में दोषी करार दिए जा चुके 17 पुलिसकर्मियों को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की  सजा सुनाई है।

इससे पूर्व सीबीआई ने इस मामले में दोषियों के लिए कोर्ट से फांसी दिए जाने की मांग की थी।

इससे पहले एमबीए छात्र की फर्जी मुठभेड़ में गोली मारकर हत्या के सिलसिले में दिल्ली की एक अदालत ने उत्तराखंड पुलिस के 18 कर्मियों को दोषी ठहराया था। इनमें से सात को हत्या तथा 10 को आपराधिक साजिश एवं अपहरण सहित विभिन्न अपराधों में दोषी ठहराया गया था।

गाजियाबाद के रहने वाले 22 साल के रणबीर सिंह की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। वह नौकरी की तलाश में देहरादून गया था।

हत्या के लिए दोषी ठहराए गए लोगों में उप निरीक्षक संतोष कुमार जायसवाल, गोपाल दत्त भट्ट (थाना प्रभारी), राजेश बिष्ट, नीरज कुमार, नितिन चौहान, चंद्रमोहन सिंह रावत एवं कांस्टेबल अजीत सिंह शामिल हैं।

न्यायाधीश ने कहा, आरोपियों 1 से 7 (संतोष, गोपाल, राजेश, नीरज, नितिन, रावत और अजीत) को आईपीसी की धारा 302 के तहत धारा 120बी के तहत तथा आईपीसी की धारा 364 के साथ धारा 120बी के तहत दोषी ठहराया जाता है। जसपाल सिंह गोसाईं के अलावा अन्य सभी 17 पुलिसकर्मियों को छात्र के अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था।

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