नई दिल्ली:
उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजुरी खास में चौका देने वाली घटना सामने आई है। उस्मानपुर यमुना खादर के जंगल में दो सगे भाई-बहन का शव मिला है।
जानकारी के अनुसार खजुरी खास इलाके से मंगलवार शाम से दो बच्चे घर के पास से ही खेलते-खेलते लापता हो गए। शाम को जब बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिवार के लोगों को चिंता होने लगी। परिवार के लोगों ने बच्चों को खोजना शुरू कर दिया। मगर बच्चों का कहीं पता नहीं चला।
देर रात परिवार वालों ने खजुरी खास थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। बुधवार की दोपहर पुलिस के द्वारा परिजनों को सूचना मिली की उस्मानपुर के जंगलो में दो बच्चों के शव मिले हैं। पुलिस और परिवार वाले मौके पर पहुंचे तो देखा की दोनों बच्चों (उज्मा तीन साल की लड़की और अरमान पांच साल लड़का) की लास पड़ी हुई है।
किसी ने बड़ी ही बेरहमी से दोनों बच्चों की हत्या की थी। उज्मा की आंखें नहीं थी, गले पर निसान बने हुए थे। शरीर के निचले हिस्से पर कपड़े भी नहीं थे और कई जगहों पर उज्मा के शरीर पर चोट के निसान थे। वहीं, अरमान के शरीर पर कई जगह चोट के निसान बने हुए थे। गले पर भी निसान था।
परिवार वालों का कहना है कि दोनों बच्चों को बड़ी ही बेरहमी के साथ मारा गया है। उज्मा और अरमान दोनों की सात बहनें और हैं। बच्चों के पिता अकरम मकान में ठेकेदारी का काम करता है। किसी से भी कोई रंजिश नहीं है। फिलहाल पुलिस आपसी रंजिश समेत कई पहलुओं पर मामले की जांच कर रही है। लेकिन, पोस्टमॉर्टम के बाद ही असली तस्वीर साफ हो पाएगी। अरमान इकलौता बेटा था। सात बेटी के बाद वह हुआ था। उजमा सब से छोटी बेटी थी।
जानकारी के अनुसार खजुरी खास इलाके से मंगलवार शाम से दो बच्चे घर के पास से ही खेलते-खेलते लापता हो गए। शाम को जब बच्चे घर नहीं पहुंचे तो परिवार के लोगों को चिंता होने लगी। परिवार के लोगों ने बच्चों को खोजना शुरू कर दिया। मगर बच्चों का कहीं पता नहीं चला।
देर रात परिवार वालों ने खजुरी खास थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। बुधवार की दोपहर पुलिस के द्वारा परिजनों को सूचना मिली की उस्मानपुर के जंगलो में दो बच्चों के शव मिले हैं। पुलिस और परिवार वाले मौके पर पहुंचे तो देखा की दोनों बच्चों (उज्मा तीन साल की लड़की और अरमान पांच साल लड़का) की लास पड़ी हुई है।
किसी ने बड़ी ही बेरहमी से दोनों बच्चों की हत्या की थी। उज्मा की आंखें नहीं थी, गले पर निसान बने हुए थे। शरीर के निचले हिस्से पर कपड़े भी नहीं थे और कई जगहों पर उज्मा के शरीर पर चोट के निसान थे। वहीं, अरमान के शरीर पर कई जगह चोट के निसान बने हुए थे। गले पर भी निसान था।
परिवार वालों का कहना है कि दोनों बच्चों को बड़ी ही बेरहमी के साथ मारा गया है। उज्मा और अरमान दोनों की सात बहनें और हैं। बच्चों के पिता अकरम मकान में ठेकेदारी का काम करता है। किसी से भी कोई रंजिश नहीं है। फिलहाल पुलिस आपसी रंजिश समेत कई पहलुओं पर मामले की जांच कर रही है। लेकिन, पोस्टमॉर्टम के बाद ही असली तस्वीर साफ हो पाएगी। अरमान इकलौता बेटा था। सात बेटी के बाद वह हुआ था। उजमा सब से छोटी बेटी थी।
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