रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पिछले एक दशक में पड़ोसी पाकिस्तान के साथ सबसे खराब रिश्तों के मौजूदा दौर के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को कहा कि वह निजी तौर पर मानते हैं कि भारत को परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं करने संबंधी नीति से अपने को नहीं 'बांधना' चाहिए. बाद में इस संबंध में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इसको रक्षा मंत्री की आधिकारिक पोजीशन के बजाय निजी राय के रूप में देखा जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री ने एक बुक रिलीज कार्यक्रम के दौरान यह बात कही. दरअसल सैद्धांतिक रूप से भारत संघर्ष होने की स्थिति में पहले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल नहीं करने की बात कहता रहा है. पाकिस्तान ने इस तरह की कोई बात नहीं कही है.
भारत की परमाणु नीति पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ''यदि कोई मौजूदा लिखित रणनीति है या आपने इस तरह का कोई स्टैंड ले रखा है तो मैं समझता हूं कि आप वास्तव में इस मामले में अपनी क्षमताओं से दूर हट रहे हैं...देश में बहुत सारे लोग पहले परमाणु हथियार इस्तेमाल नहीं करने संबंधी नीति के बारे में कहते हैं लेकिन मुझे इस मामले में अपने आपको क्यों बांधना चाहिए? मैं तो कहता हूं कि हम एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और मैं इसका गैर जिम्मेदाराना ढंग से इस्तेमाल नहीं करुंगा. ये मेरी सोच है.''
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा, ''उनके इस बयान को इस संदर्भ में नहीं देखना चाहिए कि सरकार ने अपनी परमाणु नीति बदल दी है. उन्होंने कहा हो सकता है कि कुछ (चैनल) कल यह फ्लैश चलाने लगें कि परमाणु नीति बदल गई लेकिन ऐसा नहीं है.''
गौरतलब है कि 1998 में कई परमाणु परीक्षण करने के बाद भारत ने मौजूदा परमाणु नीति को अपनाया. जवाब देते हुए उसके कुछ ही हफ्तों के भीतर पाकिस्तान ने भी कई परमाणु परीक्षण किए. 2014 के चुनावी घोषणापत्र में इस संबंध में कहा था कि मौजूदा समय की चुनौतियों के मद्देनजर इस नीति की समीक्षा करेगी और इसे अपडेट करेगी.
पर्रिकर ने साथ ही कहा, ''पहले हर चार-पांच दिन में उनको पड़ोसी देश के रक्षा मंत्री धमकी देते थे कि यदि उनको धमकाया जाएगा तो वह टैक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे लेकिन जिस दिन सर्जिकल स्ट्राइक हुई, उसके बाद से फिर कोई धमकी नहीं आई.''
उल्लेखनीय है कि कश्मीर के उरी में एक आर्मी कैंप में पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में 19 जवान शहीद हुए थे. उसके बाद भारत ने एलओसी के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किया. पाकिस्ता ने इस तरह की घटना होने से इनकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री ने एक बुक रिलीज कार्यक्रम के दौरान यह बात कही. दरअसल सैद्धांतिक रूप से भारत संघर्ष होने की स्थिति में पहले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल नहीं करने की बात कहता रहा है. पाकिस्तान ने इस तरह की कोई बात नहीं कही है.
भारत की परमाणु नीति पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ''यदि कोई मौजूदा लिखित रणनीति है या आपने इस तरह का कोई स्टैंड ले रखा है तो मैं समझता हूं कि आप वास्तव में इस मामले में अपनी क्षमताओं से दूर हट रहे हैं...देश में बहुत सारे लोग पहले परमाणु हथियार इस्तेमाल नहीं करने संबंधी नीति के बारे में कहते हैं लेकिन मुझे इस मामले में अपने आपको क्यों बांधना चाहिए? मैं तो कहता हूं कि हम एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और मैं इसका गैर जिम्मेदाराना ढंग से इस्तेमाल नहीं करुंगा. ये मेरी सोच है.''
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा, ''उनके इस बयान को इस संदर्भ में नहीं देखना चाहिए कि सरकार ने अपनी परमाणु नीति बदल दी है. उन्होंने कहा हो सकता है कि कुछ (चैनल) कल यह फ्लैश चलाने लगें कि परमाणु नीति बदल गई लेकिन ऐसा नहीं है.''
गौरतलब है कि 1998 में कई परमाणु परीक्षण करने के बाद भारत ने मौजूदा परमाणु नीति को अपनाया. जवाब देते हुए उसके कुछ ही हफ्तों के भीतर पाकिस्तान ने भी कई परमाणु परीक्षण किए. 2014 के चुनावी घोषणापत्र में इस संबंध में कहा था कि मौजूदा समय की चुनौतियों के मद्देनजर इस नीति की समीक्षा करेगी और इसे अपडेट करेगी.
पर्रिकर ने साथ ही कहा, ''पहले हर चार-पांच दिन में उनको पड़ोसी देश के रक्षा मंत्री धमकी देते थे कि यदि उनको धमकाया जाएगा तो वह टैक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे लेकिन जिस दिन सर्जिकल स्ट्राइक हुई, उसके बाद से फिर कोई धमकी नहीं आई.''
उल्लेखनीय है कि कश्मीर के उरी में एक आर्मी कैंप में पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में 19 जवान शहीद हुए थे. उसके बाद भारत ने एलओसी के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किया. पाकिस्ता ने इस तरह की घटना होने से इनकार कर दिया.
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