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This Article is From Sep 22, 2021

जम्‍मू-कश्‍मीर के शोपियां से अपहृत सैनिक का शव एक साल बाद मिला : परिवार का दावा

मंजूर अहमद ने ही अपहरण के कुछ दिन बाद बेटे के खून से सने कपड़े बरामद किए थे. पिछले एक साल से रोजाना, वह फावड़ा और कुदाली लेकर बेटे की तलाश में निकाल जाते थे और खाली हाथ लौटते थे.

सेना का जवान शाकिर पिछले साल के अगस्‍त माह से लापता था (फाइल फोटो)

श्रीनगर:

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu Kashmir) के कुलगाम (Kulgam)के एक गांव में मंगलवार सुबह मिला क्षत-विक्षत शव राइफलमैन शाकिर मंजूर का होने का दावा किया गया है. सेना का जवान शाकिर पिछले साल 2 अगस्‍त से लापता था. उनका शोपियां जिले में आतंकियों ने अपहरण कर लियाा था. शाकिर को टॉर्चर किया गया और बाद में मौत के घाट उतार दिया गया.  शाकिर मंजूर के पिता मंजूर अहमद ने NDTV से कहा, 'मैंने शव की पहचान की है...यह मेरा बेटा है. मैंने पैरों से उसकी पहचान की. उसके बालों और पहने हुए ब्रेसलेट से भी उसे पहचाना.' हालांकि पुलिस ने कहा है कि डीएनए टेस्‍ट सहित फोरेंसिक जांच कराए जाने की जरूरत है ताकि यह पुख्‍ता रूप से कहा जा सके कि शव शाकिर मंजूर का ही है. एक स्‍थानीय निवासी इस शव को देखने के बाद इस बारे में पुलिस को सूचना दी. शव बरामद होने की जानकारी 56 वर्षीय मंजूर अहमद को भी मिली जिनका पिछला एक वर्ष अपने लापता बेटे की खोज में बीता है. 

मंजूर अहमद ने ही अपहरण के कुछ दिन बाद बेटे के खून से सने कपड़े बरामद किए थे. पिछले एक साल से रोजाना, वह फावड़ा और कुदाली लेकर बेटे की तलाश में निकाल जाते थे और खाली हाथ लौटते थे. परिजनों का आरोप है कि सरकार की ओर से शाकिर मंजूर की तलाश में कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि उन्‍हें आर्थिक मुआवजा भी नहीं मिला. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, मंजूर पिछले साल से लापता (मौत नहीं) थे. इसके मायने यह हैं कि परिवार उनके वेतन या मुआवजे का हकदार नहीं है. परिवारवालों का यह भी आरोप है कि उनसे पूछताछ की गई कि शाकिर कहीं आतंकी ग्रुप से तो नहीं जुड़ गया. मंजूर के अनुसार, उनके बेटे को अपहरणकर्ताओं ने टॉर्चर किया क्‍योंकि वे उससे इस तरह का बयान दिलवाना चाहते थे लेकिन बेटे ने इससे इनकार कर दिया . 

इस जवान के लापता होने के कुछ माह बाद पुलिस ने कहा कि जिस आतंकी ने शाकिर को मारने का दावा किया है, वह एक मुठभेड़ में मारा गया है लेकिन यह पता नहीं चला कि सैनिक के शव को कहां फेंका. शाकिर परिवार के साथ ईद मनाने आया था बाद में शिविर वापस लौटते वक्‍त वह लापता हो गया था. उसकी अधजली कार भी बरामद हुई थी कुछ दिनों बाद उसके खून से सने कपड़े सेव के बाग में मिले थे. 

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