नई दिल्ली:
लोकसभा में शनिवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बयान के बाद लोकपाल मुद्दे पर पूरे दिन की चर्चा होगी। कई दौर के विचार-विमर्श के बाद सरकार द्वारा यह निर्णय किया गया। विचार-विमर्श में इस मुद्दे पर भाजपा के मसौदा प्रस्ताव को कुछ क्षेत्रीय दलों सहित अनेक दलों का समर्थन नहीं मिल पाया। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि पार्टी नेताओं की बैठक में अनेक पार्टियों को इस मुद्दे पर नियम 184 के तहत मत विभाजन के प्रावधान वाला भाजपा का प्रस्ताव सदन को बांटने वाला लगा इसलिए लगभग सभी ने इसे ठुकरा दिया। सरकारी सूत्रों ने आरोप लगाया कि भाजपा का मसौदा प्रस्ताव अन्ना पक्ष के सदस्य प्रशांत भूषण ने तैयार किया था। इस संबंध में प्रस्ताव लाए जाने के सवाल पर बंसल ने इतना ही कहा कि ऐसा हमेशा संभव है और इसके लिए नियम 342 का हवाला दिया। इस नियम के तहत किसी नीति अथवा स्थिति अथवा बयान या अन्य किसी मुद्दे पर सदन विचार कर सकता है लेकिन इसपर मत विभाजन नहीं होता। इस नियम के तहत मुद्दा उठाने वाले सदस्य का भाषण समाप्त होते ही तत्काल बहस कराई जाती है। शनिवार को लोकसभा की बैठक शुरू होने पर मुखर्जी लोकपाल से जुड़े मुद्दे पर बयान देंगे। राज्यसभा में यह मुद्दा सोमवार को आ सकता है।
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