मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के आरोप पर सफाई दी है और कहा है कि जिस स्कूल की जमीन को बीजेपी दफ्तर के लिए आवंटित करने की बात हो रही है, वह डीडीए की है ही नहीं।
डीडीए का कहना है कि ये जमीन लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस की है और इसको 27 नवम्बर 2014 को बीजेपी दफ्तर के लिये आवंटित करके 5 दिसंबर 2014 को बीजेपी को आवंटित किया जा चुका है। हालांकि डीडीए ने माना है कि उसने इसका लैंड यूज़ जरूर बदला, लेकिन ये डीडीए के चुने हुए सदस्यों की मीटिंग में तय हुआ, जिसमें आम आदमी पार्टी के भी सदस्य हैं।
डीडीए की दलील है कि पिछले कुछ सालों में करीब 100 एकड़ जमीन का लैंड यूज दिल्ली सरकार के लिए भी निवेदन पर बदला गया (शिक्षा,स्वास्थय,रैन बसेरा,वृद्धाश्रम आदि बनाने के लिए) । इससे अलग 13 एकड़ अतिरिक्त जमीन दिल्ली सरकार शिक्षा सेवाओं के विस्तार के लिए दी गई, जिसमें 7 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 18 एकड़ स्वास्थय सेवाओं के विस्तार के लिए दी गई, जिसमें डिस्पेंसरी और अस्पताल शामिल हैं।
लेकिन डीडीए ने यह कहकर दिल्ली सरकार पर ताना मारा है कि 40 ऐसी जगहें हैं, जहां स्कूल निर्माण के लिए जमीन दिल्ली सरकार को दी गई, लेकिन वहां कोई खास काम नहीं हुआ ही नहीं।
आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 809 वर्ग मीटर जमीन जो स्कूल के लिए प्रस्तावित थी, लैंड यूज बदलकर बीजेपी दफ्तर के लिए दे दी है।
सिसोदिया के मुताबिक, क्योंकि एलजी डीडीए के प्रमुख हैं इसलिए और दिल्ली में जमीन पर निर्विवादीत रूप से फैसला लेने का हक उनका ही है इसलिए एलजी का यह कदम शिक्षा विरोधी है और एलजी जमीन स्कूल के लिए वापस दें।
डीडीए का कहना है कि ये जमीन लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस की है और इसको 27 नवम्बर 2014 को बीजेपी दफ्तर के लिये आवंटित करके 5 दिसंबर 2014 को बीजेपी को आवंटित किया जा चुका है। हालांकि डीडीए ने माना है कि उसने इसका लैंड यूज़ जरूर बदला, लेकिन ये डीडीए के चुने हुए सदस्यों की मीटिंग में तय हुआ, जिसमें आम आदमी पार्टी के भी सदस्य हैं।
डीडीए की दलील है कि पिछले कुछ सालों में करीब 100 एकड़ जमीन का लैंड यूज दिल्ली सरकार के लिए भी निवेदन पर बदला गया (शिक्षा,स्वास्थय,रैन बसेरा,वृद्धाश्रम आदि बनाने के लिए) । इससे अलग 13 एकड़ अतिरिक्त जमीन दिल्ली सरकार शिक्षा सेवाओं के विस्तार के लिए दी गई, जिसमें 7 सीनियर सेकेंडरी स्कूल और 18 एकड़ स्वास्थय सेवाओं के विस्तार के लिए दी गई, जिसमें डिस्पेंसरी और अस्पताल शामिल हैं।
लेकिन डीडीए ने यह कहकर दिल्ली सरकार पर ताना मारा है कि 40 ऐसी जगहें हैं, जहां स्कूल निर्माण के लिए जमीन दिल्ली सरकार को दी गई, लेकिन वहां कोई खास काम नहीं हुआ ही नहीं।
आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर 809 वर्ग मीटर जमीन जो स्कूल के लिए प्रस्तावित थी, लैंड यूज बदलकर बीजेपी दफ्तर के लिए दे दी है।
सिसोदिया के मुताबिक, क्योंकि एलजी डीडीए के प्रमुख हैं इसलिए और दिल्ली में जमीन पर निर्विवादीत रूप से फैसला लेने का हक उनका ही है इसलिए एलजी का यह कदम शिक्षा विरोधी है और एलजी जमीन स्कूल के लिए वापस दें।
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