
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार व इसकी एजेंसियों से एक दिहाड़ी मजदूर ने बेटे की मौत पर एक करोड़ रुपये हर्जाना मांगा है। आरोप है कि उनकी ओर से भूमिगत जलाशय खुला छोड़ने की वजह से बच्चे की जान गई।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने 9 वर्षीय बच्चे के पिता की याचिका पर दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली अग्निशमन सेवा और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचा विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) को नोटिस जारी कर 29 सितंबर तक जवाब मांगा है।
दिहाड़ी मजदूर नवल किशोर शाह ने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई एवं दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर खुले सभी गड्ढों को ढकने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पीड़ित पिता की ओर से वकील कुश शर्मा ने अदालत को बताया कि 30 अप्रैल को शाम 6.30 बजे पीड़ित का बेटा बादली औद्योगिक इलाके के करीब एक पार्क में खेलने गया था। वह रात 8.30 बजे तक घर नहीं लौटा। उसके माता-पिता ने परिजनों व पड़ोसियों के साथ मिलकर उसे पार्क के आसपास ढूंढ़ा।
याचिका में कहा गया है कि पार्क में 25-50 फुट गहरे 12 गड्ढे थे और उनमें से महज तीन ढके थे। याचिका में कहा गया है कि जलाशय के पानी का प्रयोग दिल्ली अग्निशमन सेवा विभाग के टैंकरों को भरने के लिए किया जा रहा था।
बच्चे का कोई सुराग न मिलने पर परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने की बजाय बच्चे के अपहरण की एफआईआर दर्ज की।
याचिका में कहा गया है कि बाद में एक अग्निशमन अधिकारी ने एक अन्य पुलिस अधिकारी के साथ मिलकर बिना किसी उचित उपकरण के एक जलाशय में लोहे की एक रॉड डाल-डालकर बच्चे की तलाश की।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने 9 वर्षीय बच्चे के पिता की याचिका पर दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली अग्निशमन सेवा और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचा विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) को नोटिस जारी कर 29 सितंबर तक जवाब मांगा है।
दिहाड़ी मजदूर नवल किशोर शाह ने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई एवं दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर खुले सभी गड्ढों को ढकने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
पीड़ित पिता की ओर से वकील कुश शर्मा ने अदालत को बताया कि 30 अप्रैल को शाम 6.30 बजे पीड़ित का बेटा बादली औद्योगिक इलाके के करीब एक पार्क में खेलने गया था। वह रात 8.30 बजे तक घर नहीं लौटा। उसके माता-पिता ने परिजनों व पड़ोसियों के साथ मिलकर उसे पार्क के आसपास ढूंढ़ा।
याचिका में कहा गया है कि पार्क में 25-50 फुट गहरे 12 गड्ढे थे और उनमें से महज तीन ढके थे। याचिका में कहा गया है कि जलाशय के पानी का प्रयोग दिल्ली अग्निशमन सेवा विभाग के टैंकरों को भरने के लिए किया जा रहा था।
बच्चे का कोई सुराग न मिलने पर परिजनों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करने की बजाय बच्चे के अपहरण की एफआईआर दर्ज की।
याचिका में कहा गया है कि बाद में एक अग्निशमन अधिकारी ने एक अन्य पुलिस अधिकारी के साथ मिलकर बिना किसी उचित उपकरण के एक जलाशय में लोहे की एक रॉड डाल-डालकर बच्चे की तलाश की।
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