डीके रवि की फाइल फोटो
बेंगलुरु:
सीबीआई के एक एसपी स्तर के अधिकारी बाला सुब्रमण्यम् की देख रेख में चार अधिकारियों की टीम ने आधिकारिक तौर पर आईएएस अधिकारी डीके रवि की संदेहास्पद मौत की वजहों की जांच शुरू कर दी है।
सीबीआई की टीम पिछले दो दिनों से बेंगलुरु में है। सोमवार को बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एम्एन रेड्डी से इस मामले में सीबीआई ने लंबी बातचीत की। सीबीआई जानना चाहती थी कि पंखे से लटकी पाई गयी डीके रवि की लाश को देख कर आखिर किस बुनियाद पर पुलिस कमिश्नर ने इसे आत्महत्या माना और उनके कहने पर ही राज्य के गृह मंत्री केजी जॉर्ज ने इस आत्महत्या की वजह निजी बताई थी। सीबीआई ये जानना चाहती थी कि इसका आधार क्या था।
बाद में एम्इन रेड्डी ने बताया कि सीबीआई ने जांच शुरू की है और हमने जांच के दौरान उसे सभी तरह से मदद करने का भरोसा दिलाया है। इससे पहले सीबीआई की टीम ने सीआईडी से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज़ लिए जिसमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मैटेरियल्स भी शामिल हैं, उन व्हाट्सऐप मैसेजेस के साथ डीके रवि और उनके एक महिला मित्र के बीच सिलसिलेवार ढंग से बातचीत चल रही थी।
डीके रवि एक ईमानदार छवि के दबंग आईएएस अधिकारी माने जाते थे जिन्होंने रेत और रियल एस्टेट माफिया के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त अभियान चलाया था। लेकिन 36 वर्ष के इस अधिकारी का शव उनके फ्लैट में उनके पंखे से लटका 16 मार्च को पाया गया था।
पुलिस ने मौक़ा-ए-वारदात पर मौजूद सबूतों के आधार पर इसे आत्महत्या बताया और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों और कॉल रिकार्ड्स और की बुनियाद पर की गयी पूछ ताछ के आधार पर इस आत्महत्या के लिए निजी कारणों को ज़िम्मेदार ठहराया था। लेकिन विपक्ष सरकार से सहमत नहीं था। सीआईडी जांच की जगह सीबीआई जांच पर अड़े विपक्ष के सामने आखिरकार सरकार को घुटने टेकने पड़े।
सीबीआई की टीम पिछले दो दिनों से बेंगलुरु में है। सोमवार को बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एम्एन रेड्डी से इस मामले में सीबीआई ने लंबी बातचीत की। सीबीआई जानना चाहती थी कि पंखे से लटकी पाई गयी डीके रवि की लाश को देख कर आखिर किस बुनियाद पर पुलिस कमिश्नर ने इसे आत्महत्या माना और उनके कहने पर ही राज्य के गृह मंत्री केजी जॉर्ज ने इस आत्महत्या की वजह निजी बताई थी। सीबीआई ये जानना चाहती थी कि इसका आधार क्या था।
बाद में एम्इन रेड्डी ने बताया कि सीबीआई ने जांच शुरू की है और हमने जांच के दौरान उसे सभी तरह से मदद करने का भरोसा दिलाया है। इससे पहले सीबीआई की टीम ने सीआईडी से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज़ लिए जिसमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मैटेरियल्स भी शामिल हैं, उन व्हाट्सऐप मैसेजेस के साथ डीके रवि और उनके एक महिला मित्र के बीच सिलसिलेवार ढंग से बातचीत चल रही थी।
डीके रवि एक ईमानदार छवि के दबंग आईएएस अधिकारी माने जाते थे जिन्होंने रेत और रियल एस्टेट माफिया के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त अभियान चलाया था। लेकिन 36 वर्ष के इस अधिकारी का शव उनके फ्लैट में उनके पंखे से लटका 16 मार्च को पाया गया था।
पुलिस ने मौक़ा-ए-वारदात पर मौजूद सबूतों के आधार पर इसे आत्महत्या बताया और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों और कॉल रिकार्ड्स और की बुनियाद पर की गयी पूछ ताछ के आधार पर इस आत्महत्या के लिए निजी कारणों को ज़िम्मेदार ठहराया था। लेकिन विपक्ष सरकार से सहमत नहीं था। सीआईडी जांच की जगह सीबीआई जांच पर अड़े विपक्ष के सामने आखिरकार सरकार को घुटने टेकने पड़े।
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