Cyclone Fani In UP and Bihar: भीषण चक्रवाती तूफान फोनी के शुक्रवार को ओडिशा के पुरी से टकरा गया है. किसी भी आशंका के मद्देनजर रक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने के आदेश दिये गए हैं और तटीय जिलों में रह रहे हजारों लोगों को सुरक्षित इलाके में पहुंचाया गया है. वहीं इसका असर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी दिख सकता है. इसको लेकर मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए चेतावनी भी जारी की है. मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि प्रदेश में 2 और 3 मई को तेज हवा और बारिश की संभावना जताई गई है.
Cyclone Fani In UP and Bihar: 10 बड़ी बातें
चेतावनी में कहा गया है, 'बंगाल की खाड़ी में बने फानी चक्रवात (Cyclone Fani) के कारण 2 और 3 मई 2019 को प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होने और तेज हवाएं (गति 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा) चलने की आशंका है. इसकी वजह से आद्रता में इजाफा (अधिकत्तम 80-90 फीसदी) होने की भी संभावना है.'
किसानों के सलाह देते हुए कहा गया है, 'फानी चक्रवात के असर को देखते हुए किसानों और भंडार गृहों को सलाह दी जाती है कि नमी और तेज हवा से फसल को होने वाले नुकसान से बचने के लिए कटी फसल, खुले में रखे अनाज और खेतों में तैयार फसल को काटकर सुरक्षित करने की समुचित व्यवस्था करें.'
इसके अलावा मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि दो मई को पूर्वी उत्तर प्रदेश में 50-60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है.
वहीं बिहार में 40 से 50 और उत्तराखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु और पुडुचेरी में हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.
इसके साथ ही इन राज्यों में आंधी और बिजली के साथ बारिश की भी संभावना जताई गई है. तीन मई के लिए भी उत्तर प्रदेश और बिहार में ऐसी ही स्थिति बनी रहने की संभावना जताई है.
संयुक्त तूफान चेतावनी केंद्र (जेडब्ल्यूटीसी) की तरफ से जारी नवीनतम पूर्वानुमान के मुताबिक 1999 के सुपर साइक्लोन के बाद फोनी सबसे खतरनाक चक्रवात माना जा रहा है जिसके तीन मई को दोपहर बाद जगन्नाथ पुरी से गुजरने की आशंका है.
इस दौरान हवा की रफ्तार 175 किलोमीटर प्रतिघंटे के आसपास रहने की उम्मीद है. बंगाल की खाड़ी के ऊपर पुरी से करीब 660 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित तूफान ओडिशा तट की तरफ अभी 14 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नौसेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल को किसी भी चुनौती से निपटने के लिये हाईअलर्ट पर रखा गया है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और दमकल सेवाओं को असैन्य प्रशासन की सहायता के लिये संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है.
विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने कहा कि तटीय और दक्षिणी जिलों के कलेक्टरों से गुरुवार तक निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम पूरा कर लेने को कहा गया है.