प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सरकार के साइबर सेल ने सभी विभागों से कहा है कि वे आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कंप्यूटरों पर पैनी नजर बनाए रखें क्योंकि चीन में बैठे हैकर नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की ओर से संचालित व्यवस्था में सेंध लगाने की जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं।
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के एक उप-सचिव के आधिकारिक कंप्यूटर पर ‘‘अजीबोगरीब गतिविधि’’ दिखने के बाद यह मामला सामने आया। इसके बाद मशीन को फॉरमैट किया गया।
हाल ही में उसी कंप्यूटर के अचानक विश्लेषण के दौरान पाया गया कि चीन के एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते से उप-सचिव के कंप्यूटर को खोलने की कोशिश एक बार फिर की गई। यह हैकर एनआईसी की ओर से व्यवस्थित इस सिस्टम को हैक करने के लिए कोलकाता से बाहर के एक अन्य आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था। एनआईसी सरकार की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारभूत संरचना प्रदाता है।
साइबर विशेषज्ञों ने अर्चिन ट्रैकिंग मॉड्यूल (यूटीएम) का करीब एक हफ्ते तक विश्लेषण किया और पाया कि चीनी हैकर 33 आधिकारिक कंप्यूटरों - जिसमें छह विदेश मंत्रालय, तीन-तीन आईटीबीपी और मास्टर अर्थ स्टेशन, दो-दो निर्माण भवन में एनआईसी-सेल और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और एक गृह मंत्रालय एवं अन्य को हैक करने की कोशिश कर रहे थे।
यूटीएम एक साधारण कोड है जिसे कोई किसी ग्राहक के यूआरएल से जोड़ सकता है ताकि स्रोत, माध्यम, कैंपेन का नाम जाना जा सके या यह पता लगाया जा सके कि कोई मशीन को हैक करने की कोशिश तो नहीं कर रहा। यह पाया गया कि इन 33 कंप्यूटरों में से 19 बगैर किसी एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर के चलाए जा रहे थे, जबकि आधिकारिक कंप्यूटरों में एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर डालना जरूरी होता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के एक उप-सचिव के आधिकारिक कंप्यूटर पर ‘‘अजीबोगरीब गतिविधि’’ दिखने के बाद यह मामला सामने आया। इसके बाद मशीन को फॉरमैट किया गया।
हाल ही में उसी कंप्यूटर के अचानक विश्लेषण के दौरान पाया गया कि चीन के एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते से उप-सचिव के कंप्यूटर को खोलने की कोशिश एक बार फिर की गई। यह हैकर एनआईसी की ओर से व्यवस्थित इस सिस्टम को हैक करने के लिए कोलकाता से बाहर के एक अन्य आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था। एनआईसी सरकार की सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारभूत संरचना प्रदाता है।
साइबर विशेषज्ञों ने अर्चिन ट्रैकिंग मॉड्यूल (यूटीएम) का करीब एक हफ्ते तक विश्लेषण किया और पाया कि चीनी हैकर 33 आधिकारिक कंप्यूटरों - जिसमें छह विदेश मंत्रालय, तीन-तीन आईटीबीपी और मास्टर अर्थ स्टेशन, दो-दो निर्माण भवन में एनआईसी-सेल और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और एक गृह मंत्रालय एवं अन्य को हैक करने की कोशिश कर रहे थे।
यूटीएम एक साधारण कोड है जिसे कोई किसी ग्राहक के यूआरएल से जोड़ सकता है ताकि स्रोत, माध्यम, कैंपेन का नाम जाना जा सके या यह पता लगाया जा सके कि कोई मशीन को हैक करने की कोशिश तो नहीं कर रहा। यह पाया गया कि इन 33 कंप्यूटरों में से 19 बगैर किसी एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर के चलाए जा रहे थे, जबकि आधिकारिक कंप्यूटरों में एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर डालना जरूरी होता है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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