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This Article is From Jan 27, 2020

आत्मदाह की कोशिश करने वाले CPM कार्यकर्ता की मौत, बैग में मिले थे CAA विरोधी पर्चे

मध्य प्रदेश के इंदौर में सनसनीखेज घटनाक्रम के दौरान तीन दिन पहले आम चौराहे पर कथित तौर पर खुद को आग लगाने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 72 वर्षीय कार्यकर्ता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है.

आत्मदाह की कोशिश करने वाले CPM कार्यकर्ता की मौत, बैग में मिले थे CAA विरोधी पर्चे
रमेशचंद्र प्रजापत ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इंदौर:

मध्य प्रदेश के इंदौर में सनसनीखेज घटनाक्रम के दौरान तीन दिन पहले आम चौराहे पर कथित तौर पर खुद को आग लगाने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 72 वर्षीय कार्यकर्ता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस को मौके पर पड़ी उसकी थैली से संशोधित नागरिकता कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) के विरोध में छपे पर्चे मिले थे. तुकोगंज पुलिस थाने के प्रभारी निर्मल कुमार श्रीवास ने सोमवार को बताया कि रमेशचंद्र प्रजापत (72) ने शुक्रवार की रात गीता भवन चौराहे पर कथित तौर पर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा ली थी.

उन्होंने बताया कि आत्मदाह के प्रयास में बुरी तरह झुलसे प्रजापत को शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उनकी रविवार शाम मौत हो गई. उनके शव का सोमवार की सुबह पोस्टमॉर्टम कराया गया और फिर परिजनों को सौंप दिया गया. श्रीवास ने बताया, 'प्रजापत करीब 100 फीसदी जल गए थे और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी हालत बेहद गंभीर होने के चलते उनकी मृत्यु से पूर्व उनके बयान दर्ज नहीं किए जा सके. हालांकि, हम जांच के जरिए पता लगा रहे हैं कि उन्होंने खुद को आग क्यों लगाई?'

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CAA NRC और NPR को लेकर प्रजापत के बैग से मिले पर्चों के बारे में पूछे जाने पर थाना प्रभारी ने कहा, 'फिलहाल केवल इन पर्चों के बूते प्रजापत के आत्मदाह की वजह के बारे में किसी नतीजे पर पहुंचना ठीक नहीं होगा.' इस बीच, माकपा सूत्रों ने बताया कि प्रजापत सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शहर के अलग-अलग स्थानों पर जारी प्रदर्शनों में लगातार शामिल हो रहे थे. माकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य कैलाश लिम्बोदिया ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रजापत सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर केंद्र सरकार के "अड़ियल रुख" से बेहद हताश थे, लेकिन उनकी पार्टी अपने कार्यकर्ता के आत्मदाह के कदम का कतई समर्थन नहीं करती है.

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कैलाश लिम्बोदिया ने दावा किया, 'प्रजापत की थैली से पुलिस को जो पर्चा मिला, वह उन्होंने खुद तैयार किया था और इस पर उनके दस्तखत भी हैं. इस पर्चे में सीएए, एनआरसी और एनपीआर का देश भर में विरोध होने के बावजूद केंद्र सरकार की हठधर्मिता का उल्लेख है.' माकपा नेता ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मसलों पर जन विरोध को देखते हुए लोगों से चर्चा करे और जल्द उचित समाधान निकाले.'

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