सर्दियां आते ही दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Pollution) की समस्या बढ़ जाती है. इस बार भी राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. इसके लिए केंद्र, दिल्ली और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भी कमर कस ली है. शुक्रवार को CPCB (Central Pollution Control Board) ने बताया कि बोर्ड अभी से प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए सख्ती बरत रहा है और इसके लिए सख्ती से Graded Response Action Plan (GRAP) का पालन करा रहे हैं.
CPCB के अध्यक्ष शिव दास मीना ने कहा कि 'हर साल सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बड़ी रहती है. हर साल हम काम कर रहे हैं जिससे प्रदूषण में कमी आई है. पराली का इस प्रदूषण में अहम योगदान है. हम सख्ती से GRAP नियमों का पालन करा रहे हैं. उल्लंघन करने वालों पर सख़्त कार्रवाई भी की जा रही है.' उन्होंने बताया कि बोर्ड ने गुरुवार को 50 टीमें फील्ड पर भेजी हैं, जो 28 फरवरी तक फील्ड में मुआयना करेंगी.
ऑड-ईवन के सवाल पर
बोर्ड के सचिव प्रशांत गार्गव ने बताया कि अभी दिल्ली में पराली से 6 % प्रदूषण हो रहा है. इसके अलावा दिल्ली में सड़क पर धूल, गाड़ियों से, उद्योगों से, बायोमॉस जलाने से प्रदूषण हो रहा है. उद्योगों और थर्मल पॉवर प्लांट के प्रदूषण फैलाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि बोर्ड ने उद्योगों से इस दावे के साथ शपथ पत्र देने को कहा है कि वो प्रदूषण का उत्सर्जन नहीं कर हैं. उन्होंने बतया कि बोर्ड बदरपुर और पानीपत थर्मल पॉवर प्लांट बंद करवा रहा है. इसके अलावा 2 थर्मल पॉवर प्लांट की 6 यूनिट्स में FGD systems लगाए गए हैं.
जब कोविड-19 के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर कुछ प्रतिंबध लगे हुए हैं, ऐसे में प्रदूषण के खतरनाक से ऊपर के स्तर (severe+) पर जाने की स्थिति में ऑड-ईवन लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'भगवान से मनाइए कि प्रदूषण severe+ कैटेगरी में न जाए. अगर जाएगा तो टास्क फोर्स के साथ बातचीत करेंगे. जो बेहतर होगा वो करेंगे.'
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क्या-क्या उठाए जा रहे हैं कदम?
गार्गव ने बताया कि बोर्ड ने 2020-21 के लिए एक्शन प्लान बनाया है. उन्होंने कहा कि '2016 से 2019 में औसत PM 2.5 में कमी आई है. 2019 में सितंबर और अक्टूबर में ज़्यादा बारिश हुई थी. अभी 2020 में सितंबर से अब तक 21 MM ही बारिश हुई है इसलिए भी इस साल प्रदूषण बढ़ा है.' उन्होंने पराली को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'पराली जलने से भी प्रदूषण बढ़ा है हवा की दिशा से भी प्रभाव पड़ता है. अभी पराली का योगदान 15 अक्टूबर को 6% पहुंच गया है. हमने देखा है कि पिछले साल पराली का योगदान 44% तक पहुंच गया था.'
बोर्ड ने बताया कि CPCB ने इस साल 29 अतिरिक्त मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए हैं. अभी कुल 142 मॉनिटरिंग स्टेशन हैं. कुल 2,595 उद्योगों को PNG में बदला गया है. हमने 3,600 पेट्रोल पंप पर वेपर रिकवरी सिस्टम लगाए हैं. दो थर्मल प्लांट पावर बंद किए गए हैं. 124 जगहों पर एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं. उन्होंने कहा कि 'हॉटस्पॉट को पहचान कर काम किया जा रहा है. हम लोगों से कह रहे हैं कि समीर ऐप पर शिकायत करें. लोगों से यही कहेंगे कि कम से कम गाड़ियों का इस्तेमाल करें.'
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