फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दादरी के बिसाहड़ा में पिछले साल सितंबर में गोहत्या के आरोप में गांव के लोगों ने स्थानीय अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अब एक कोर्ट ने अखलाक के परिवार के सात लोगों पर गोकशी का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। दरअसल इस मामले की जांच के लिए मांस के जो सैंपल मथुरा फॉरेंसिक लैब में भेजे गए तो वहां की रिपोर्ट में कहा गया कि वे सैंपल गोमांस था।
इसी रिपोर्ट के आधार पर अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज करने की याचिका दायर की गई। उसी के आधार पर अब कोर्ट ने यह आदेश दिया है। दरअसल यूपी में गोकशी पर पाबंदी है। वहां पर गोमांस खाने या उसको रखने पर भी पाबंदी लागू है।
इस तरह के मामले में सात साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान है। हालांकि सीलबंद कंटेनरों में इसका आयात किया जा सकता है और विदेशी नागरिकों के इस्तेमाल पर रोक नहीं हैं। आइए इस मामले के संदर्भ में बाकी राज्यों की स्थिति के बारे में जानते हैं :
केरल और पश्चिम बंगाल
कुछ राज्यों और उत्तर पूर्व के कुछ अंचलों को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों में गोकशी पर पाबंदी है। सिर्फ इतना ही नहीं मोटे तौर पर गोमांस खाने पर भी अधिकांश जगहों पर पाबंदी लागू है। प्रमुख रूप से केरल और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य हैं जहां पर गोकशी पर पाबंदी नहीं है।
उत्तर-पूर्व के ज्यादातर हिस्सों मसलन अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में इस पर किसी किस्म की पाबंदी नहीं है। 1939 में मणिपुर के महाराजा ने गोकशी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया लेकिन वहां गोमांस का इस्तेमाल होता रहा।
सर्वाधिक सजा
हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और राजस्थान में गोकशी के मामले में 10 साल की सजा का प्रावधान है। सजा के मामले में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रावधान है।
जुर्माना
इस मामले में सर्वाधिक जुर्माने का प्रावधान हरियाणा में है। वहां पर इस मामले में सजा के तौर पर एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। उसके बाद गुजरात और छत्तीसगढ़ में 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान है।
इसी रिपोर्ट के आधार पर अखलाक के परिजनों के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज करने की याचिका दायर की गई। उसी के आधार पर अब कोर्ट ने यह आदेश दिया है। दरअसल यूपी में गोकशी पर पाबंदी है। वहां पर गोमांस खाने या उसको रखने पर भी पाबंदी लागू है।
इस तरह के मामले में सात साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान है। हालांकि सीलबंद कंटेनरों में इसका आयात किया जा सकता है और विदेशी नागरिकों के इस्तेमाल पर रोक नहीं हैं। आइए इस मामले के संदर्भ में बाकी राज्यों की स्थिति के बारे में जानते हैं :
केरल और पश्चिम बंगाल
कुछ राज्यों और उत्तर पूर्व के कुछ अंचलों को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों में गोकशी पर पाबंदी है। सिर्फ इतना ही नहीं मोटे तौर पर गोमांस खाने पर भी अधिकांश जगहों पर पाबंदी लागू है। प्रमुख रूप से केरल और पश्चिम बंगाल ऐसे राज्य हैं जहां पर गोकशी पर पाबंदी नहीं है।
उत्तर-पूर्व के ज्यादातर हिस्सों मसलन अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में इस पर किसी किस्म की पाबंदी नहीं है। 1939 में मणिपुर के महाराजा ने गोकशी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया लेकिन वहां गोमांस का इस्तेमाल होता रहा।
सर्वाधिक सजा
हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और राजस्थान में गोकशी के मामले में 10 साल की सजा का प्रावधान है। सजा के मामले में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रावधान है।
जुर्माना
इस मामले में सर्वाधिक जुर्माने का प्रावधान हरियाणा में है। वहां पर इस मामले में सजा के तौर पर एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। उसके बाद गुजरात और छत्तीसगढ़ में 50 हजार के जुर्माने का प्रावधान है।
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