डोनाल्ड ट्रंप को दी गई 'कोविड एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा की भारत में एंट्री, कीमत भी कम नहीं

कंपनी ने एक बयान में कहा है, '1200 mg की हर डोज में Casirivimab की 600 mg और Imdevimab की 600 mg डोज शामिल है. हर डोज की कीमत ₹ 59,750 है.

डोनाल्ड ट्रंप को दी गई 'कोविड एंटीबॉडी कॉकटेल' दवा की भारत में एंट्री, कीमत भी कम नहीं

कोविड एंटीबॉडी कॉकटेल देश के शीर्ष अस्‍पतालों और कोविड ट्रीटमेंट सेंटरों में उपलब्‍ध रहेगी (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्ली:

दवा निर्माता कंपनी Roche India ने सोमवार को भारत में कोविड-19 के खिलाफ अपनी पहली एंटीबॉडी कॉकटेल के पहले बैच की लॉचिंग की घोषणा की है. एंटीबॉडी कॉकटेल Casirivimab और Imdevimab की कीमत प्रति डोज ₹ 59,750 है. गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप जब कोविड-19 पॉजिटिव हुए थे तब उन्‍हें Roche एंटीबॉडी कॉकटेल ही दी गई थी. कंपनी ने एक बयान में कहा है, '1200 mg की हर डोज में Casirivimab की 600 mg और Imdevimab की 600 mg डोज शामिल है. हर डोज की कीमत ₹ 59,750 है. मल्‍टीडोज पैक की अधिकतम खुदरा कीमत 1,19,500'  निर्धारित है. हर पैक से दो मरीजों का इलाज किया जा सकता है.' भारत में इस दवा का विक्रय Cipla द्वारा किया जाएगा और इसका दूसरा बैच जून माह के मध्‍य में उपलब्‍ध होने की संभावना है.

Cipla और Roche की ओर से जारी संयुक्‍त बयान में कहा गया है, 'एंटीबॉडी कॉकटेल का पहला बैच (Casirivimab and Imdevimab) अब भारत में उपलब्‍ध है और दूसरा बैच जून माह के मध्‍य में उपलब्‍ध होगा. इसके एक लाख पैक से कुल मिलाकर दो लाख मरीज लाभान्वित होंगे. ' यह दवा में देश के शीर्ष अस्‍पतालों और कोविड ट्रीटमेंट सेंटरों में उपलब्‍ध रहेगी.

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द सेंट्रल ड्रग स्‍टेंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने हाल ही में भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल के आपातकालीन इस्‍तेमाल को मंजूरी दी है. अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में भी इसे यह मंजूरी मिली हुई है. Roche Pharma India के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (CEO) वी. सिम्‍पसन एमेनुअल ने कहा, 'Roche कोरोना महामारी के खिलाफ दूसरी लहर को कम करने और जान बचाने के लिए हो रहे प्रयासों के समर्थन को लेकर प्रतिबद्ध है. हमें उम्‍मीद है कि एंटीबॉडी कॉकटेल से भारत में कोरोना के कारण अस्‍पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्‍या में कमी की जा सकेगी. इससे हेल्‍थकेयर सिस्‍टम पर से दबाव घटेगा और गंभीर खतरे वाले मरीजों के इलाज में इसकी अहम भूमिका रहेगी.