गांवों में कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्राइव (Covid-19 Vaccination Drive) को लेकर बहुत से सवाल उठ रहे हैं. वैक्सीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से ड्राइव की शुरुआत होने से भी गांवों में बड़े स्तर पर सहज तरीके से वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा होने को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं. हालांकि, अब सरकार ऑन-साइट या वॉक-इन वैक्सीनेशन (on-site/walk-in vaccination) की घोषणा कर चुकी है. मंगलवार को सरकार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर कुछ तथ्य साझा किए गए थे.
इस सर्कुलर में सरकार ने कहा है कि 18 साल या इससे ऊपर का कोई भी शख्स अपने पास के वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर ऑन साइट रजिस्ट्रेशन करवा सकता है और उसी विजिट में वैक्सीन भी लगवा सकता है. सरकार ने बताया कि वैक्सीन लगवाने के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करने और अपॉइंटमेंट बुक करने की जरूरत नहीं है.
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सरकार ने क्या तथ्य दिए हैं?-
- कॉमन सर्विस सेंटरों या Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन बस एक तरीका है. गांवों और शहरी स्लम जैसे इलाकों में आशा वर्कर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों को ऑन साइट रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेश की सुविधा दे रहे हैं. लाभार्थी 1075 हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं.
- वैक्सीनेशन ड्राइव के सभी मोड काम कर रहे हैं, यह बात इससे साबित होती है कि 13 जून, 2021 को कोविन पर जो 28.36 करोड़ लाभार्थी रजिस्टर्ड हुए हैं, उनमें से 16.45 करोड़ यानी 58% लाभार्थियों को ऑन-साइट रजिस्टर किया गया है. इसके अलावा 13 जून तक कुल 24.84 करोड़ वैक्सीन डोज कोविन पर रिकॉर्ड की गई हैं. इसमें से 19.84 करोड़ डोज़ ऑन साइट/वॉक इन वैक्सीनेशन के तहत दिए गए हैं.
- इसमें बताया गया है कि 1 मई, 2021 से लेकर 12 जून, 2021 तक कुल 1,03,585 कोविड वैक्सीनेशन सेंटरों में से 59.7 फीसदी 26,114 सेंटर सब-हेल्थ सेंटर, 26,287 प्राइमरी हेल्थ सेंटर और 9,441 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के तौर पर काम कर रह हैं. ये ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे हैं, जहां लोग साइट पर रजिस्ट्रेशन करवाकर तुरंत वैक्सीन लगवा सकते हैं.
मोदी सरकार की वैक्सीन नीति पर उठते सवाल...
- कोविन पर राज्यों की ओर से जिन 69,995 वैक्सीनेशन केंद्रों की रूरल और अर्बन के तौर पर पहचान की गई है, उनमें से 49,883 यानी 71% ग्रामीण इलाकों में हैं.
- आदिवासी इलाकों में 3 जून, 2021 तक के डेटा के मुकाबले प्रति लाख जनसंख्या पर वैक्सीनेशन राष्ट्रीय औसत से ऊंची है.
- 176 आदिवासी जिलों में से 128 जिले पूरे देश के वैक्सीनेशन ड्राइव के मुकाबले अच्छा कर रहे हैं.
- आदिवासी इलाकों में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले ज्यादा वॉक-इन वैक्सीनेशन हो रहे हैं. वही, इन जिलों में लिंगानुपात भी बेहतर है.
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