केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को सफाई दी कि कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद किसी भी मौत या अस्पताल में भर्ती होने की घटना को स्वत: टीकाकरण से नहीं जोड़ा जा सकता.मंत्रालय की ओर से आधिकारिक बयान के अनुसार, कुछ ऐसी मीडिया रिपोर्ट हैं, जिनमें कहा गया है कि कोरोना टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) के बाद गंभीर प्रतिकूल घटनाओं (Adverse Events ) के मामले बढ़े हैं. उनका कहना है कि इस कारण वैक्सीनेशन के बाद मौत के मामले बढ़े हैं.
कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद अब तक 488 लोगों की मौत हो चुकी है. 16 जनवरी 2021 से 7 जून 2021 के बीच का यह आंकड़ा बताया गया है. जबकि इस दौरान कुल टीकाकरण 23.5 करोड़ तक पहुंच गया है.नीति आय़ोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि सभी तरह की वैक्सीन लेने के बाद शरीर में कुछ न कुछ तरह की प्रतिक्रिया होती है, लिहाजा कोरोना वैक्सीन को लेकर किसी तरह की भ्रामक जानकारी नहीं फैलाई जानी चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ये जानकारी अधूरी और सीमित समझ के कराण हैं. वैक्सीनेशन के बाद दम तोड़ने की खबरें ऐसी प्रतीत होती हैं कि टीका लेने के कारण उनकी मौत हुई है.
देश में अब तक 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं और इसमें मौतों का अनुपात 0.0002 फीसदी है. यह इतनी बड़ी आबादी में अप्रत्याशित नहीं है. पंजीकरण डेटा के अनुसार, सकल मृत्यु दर एक हजार प्रति व्यक्तियों में 6.3 है. बयान में यह भी कहा गया है कि कोविड पॉजिटिव मरीजों में मृत्यु दर 1 फीसदी है और कोरोना वैक्सीनेशन इन मौतों को काफी हद तक रोक सकता है. लिहाजा वैक्सीनेशन के बाद मृत्यु के मामले नगण्य है.
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