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This Article is From Mar 27, 2022

फोन कॉल से पहले कोरोना से जुड़ा संदेश अब नहीं आएगा! सरकार इसे हटाने की कर रही तैयारी

दूरसंचार विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कॉल के पहले की इन घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है. उसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त आवेदनों का हवाला दिया है.

फोन कॉल से पहले कोरोना से जुड़ा संदेश अब नहीं आएगा! सरकार इसे हटाने की कर रही तैयारी
phone call से पहले आते हैं कोरोना महामारी से बचाव से जुड़े संदेश
नई दिल्ली:

कोरोना महामारी की दस्तक का दो साल से भी ज्यादा वक्त हो चुका है औऱ लोगों की कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों (Covid-19 Restriction Message) का पालन करने के लिए फोन कॉल से पहले जागरूकता संदेश भी अब एक पहचान बन चुका है. लेकिन मोबाइल या लैंडलाइन पर किसी भी कॉल (Phone Call) से पहले ऐसे संदेश या एहतियाती उपाय से जुड़े सुझाव अब बंद हो सकते हैं. सरकार अब कॉलिंग से पहले कोविड-19 संदेशों को खत्म करने पर विचार कर रही है. सरकार को कई ऐसे आवेदन मिले हैं, इसमें कहा गया है कि ये संदेश अपने उद्देश्य को पूरा कर चुके हैं और कई बार आपात स्थिति के दौरान जू कॉल में देरी होती है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कॉल के पहले की इन घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है. उसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ-साथ मोबाइल ग्राहकों से प्राप्त आवेदनों का हवाला दिया है.

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार को देखते हुए इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है, जबकि महामारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त निर्देशों के बाद दूरसंचार सेवा कंपनियों को कॉल से पहले कोविड-19 संबंधी घोषणाओं और कॉलर ट्यून को लागू करने के निर्देश जारी किए गए थे. जागरूकता फैलाने और उन्हें महामारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और टीकाकरण के बारे में बताने के लिए कोरोना वायरस से संबंधित घोषणाएं और कॉलर ट्यून कॉल से पहले बजाए जाते हैं.

दूरसंचार विभाग ने एक पत्र में कहा, ‘लगभग 21 महीने के बाद इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. नेटवर्क पर इन संदेश के परिणामस्वरूप इमरजेंसी के दौरान महत्वपूर्ण कॉल को रोके रखने और देरी होने का जोखिम रहता है और कीमती बैंडविड्थ संसाधनों की खपत होती है. यह टीएसपी नेटवर्क पर बोझ बढ़ाता है और इससे कॉल कनेक्शन में देरी होती है. यह ग्राहकों के अनुभव को भी प्रभावित करता है, क्योंकि आपात स्थिति में कई बार कॉल में देरी हो जाती है. रिंग बैक टोन को निष्क्रिय करने का भी अनुरोध किया गया है.

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