सड़क पर शिष्टाचार जरूरी लेकिन हमारे देश में ऐसा होता नहीं : सुप्रीम कोर्ट

गैर इरादतन हत्या के मामले में हाईकोर्ट में दोषी ठहराए गए नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सड़क पर शिष्टाचार जरूरी लेकिन हमारे देश में ऐसा होता नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट.

खास बातें

  • पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को तीन साल की सजा सुनाई थी
  • अभियोजन पक्ष पर आरोपियों की मदद करने का आरोप
  • सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराए जाने पर रोक लगा दी थी
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क पर शिष्टाचार समाज का एक जरूरी हिस्सा है लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं होता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां तक कि जेब्रा क्रासिंग पर गाड़ियां नहीं रुकतीं, लेकिन दूसरे देशों में सबसे बड़े पद पर बैठा व्यक्ति भी अपनी गाड़ी रोक देता है लेकिन यहां लोग हॉर्न देते हैं और गाड़ी तेज़ी से भगाते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे यहां कटसी के नाम पर हॉर्न बजाया जाता है. वहीं शिकायतकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि यहां मामला रोडरेज का है.

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रंजीत कुमार ने अभियोजन पक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने मामले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की मदद की. रंजीत कुमार ने कहा कि अभियोजन पक्ष की तरफ से कुछ खामियां थीं, इसका मतलब ये नहीं कि आरोपियों को बरी कर दिया जाए.

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सुप्रीम कोर्ट पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. दरअसल पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने उनके दोषी ठहराए जाने पर भी रोक लगा दी थी.


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