नई दिल्ली:
दिल्ली की स्थानीय अदालत ने बिहार के लोगों को मुम्बई के 'घुसपैठिए' की संज्ञा देने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नीरज गौर गुरुवार को दिल्ली के अधिवक्ता प्रेम शंकर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
शर्मा ने याचिका दायर कर ठाकरे पर भड़काऊ एवं राष्ट्रविरोधी भाषण देने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि 31 अगस्त को मुम्बई में दिए अपने भाषण में राज ने मुम्बई में बिहार के लोगों को घुसपैठिया कहा और उन्हें महाराष्ट्र से भगाने की धमकी दी।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि बिहार के लोगों को घुसपैठिया कहने के बयान पर राज के खिलाफ मामला दर्ज करने में कई कानूनी बाधाएं हैं।
पुलिस ने कहा कि न तो यह बयान दिल्ली में दिया गया था और न ही किसी समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नीरज गौर गुरुवार को दिल्ली के अधिवक्ता प्रेम शंकर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
शर्मा ने याचिका दायर कर ठाकरे पर भड़काऊ एवं राष्ट्रविरोधी भाषण देने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि 31 अगस्त को मुम्बई में दिए अपने भाषण में राज ने मुम्बई में बिहार के लोगों को घुसपैठिया कहा और उन्हें महाराष्ट्र से भगाने की धमकी दी।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने अदालत में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि बिहार के लोगों को घुसपैठिया कहने के बयान पर राज के खिलाफ मामला दर्ज करने में कई कानूनी बाधाएं हैं।
पुलिस ने कहा कि न तो यह बयान दिल्ली में दिया गया था और न ही किसी समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था।
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