IRNSS-1G को पीएसएलवी सी-33 से प्रक्षेपित किया जाएगा।
चेन्नई:
देश के सातवें और आखिरी नेविगेशन उपग्रह IRNSS-1G के प्रक्षेपण के लिए 51.30 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार से शुरू हो गई। इसका प्रक्षेपण ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी: सी33) के माध्यम से श्रीहरिकोटा से किया जाएगा।
कल 12.50 पर होगा प्रक्षेपण
इसरो ने कहा कि मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड ने सोमवार को उल्टी गिनती शुरू करने को मंजूरी दे दी, जिसकी शुरुआत मंगलवार सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा।
कर लेंगे अमेरिका की बराबरी
क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के अंतिम चरण में पीएसएलवी-सी33 के जरिये IRNSS-1G को भेजा जाएगा। इससे भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अमेरिका के ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम की बराबरी पर खड़ी हो जाएगी और देश खुद का स्वतंत्र स्थानीय नेविगेशन प्रणाली स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा।
10 मार्च को भेजा था छठा उपग्रह
जहां चार उपग्रह आईआरएनएसएस प्रणाली को काम शुरू करने में सक्षम बनायेंगे, वहीं शेष तीन इसे ज्यादा ‘‘सटीक और कुशल’’ बनाएंगे। इसरो ने इससे पहले छठे नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस-वनएफ का प्रक्षेपण 10 मार्च को किया था।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि आईआरएनएसएस-वनजी के प्रक्षेपण और काम शुरू करने से आईआरएनएसएस समूह पूरा हो जाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कल 12.50 पर होगा प्रक्षेपण
इसरो ने कहा कि मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड ने सोमवार को उल्टी गिनती शुरू करने को मंजूरी दे दी, जिसकी शुरुआत मंगलवार सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा।
कर लेंगे अमेरिका की बराबरी
क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के अंतिम चरण में पीएसएलवी-सी33 के जरिये IRNSS-1G को भेजा जाएगा। इससे भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अमेरिका के ग्लोबल पोजिशिनिंग सिस्टम की बराबरी पर खड़ी हो जाएगी और देश खुद का स्वतंत्र स्थानीय नेविगेशन प्रणाली स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा।
10 मार्च को भेजा था छठा उपग्रह
जहां चार उपग्रह आईआरएनएसएस प्रणाली को काम शुरू करने में सक्षम बनायेंगे, वहीं शेष तीन इसे ज्यादा ‘‘सटीक और कुशल’’ बनाएंगे। इसरो ने इससे पहले छठे नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस-वनएफ का प्रक्षेपण 10 मार्च को किया था।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि आईआरएनएसएस-वनजी के प्रक्षेपण और काम शुरू करने से आईआरएनएसएस समूह पूरा हो जाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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