अब ग्रामीण भारत (Rural India) पर कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण का साया गहराता जा रहा है. देश की सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आगाह किया है कि शहरों के मुकाबले अब ग्रामीण ज़िलों में कोरोना के ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. उधर उद्योग संघ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने कहा है कि टूरिज्म और ट्रेवल इंडस्ट्री में कोरोना संकट की वजह से 10 से 15 लाख करोड़ से ज्यादा के नुकसान का अंदेशा है, और अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो इससे तीन से चार करोड़ लोगों की नौकरियां जाने का अनुमान है.
शहरों के बाद कोरोना वायरस अब बड़े स्तर पर ग्रामीण इलाकों में फैल रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर एसबीआई ने अपनी ताज़ा ECOWRAP रिपोर्ट में आगाह किया है कि ग्रामीण भारत में कोरोना फैल रहा है. जुलाई-अगस्त महीने में अब तक कोरोना के नए मामलों में 54 % ग्रामीण ज़िलों में रिकॉर्ड किए गए हैं. ग्रामीण इलाकों में कोरोना फैलने से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर बेहद बुरा असर पड़ेगा. कोरोना संकट की वजह से राज्यों का ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट 16.8 % तक गिरने का अनुमान है. सबसे बुरा असर महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के ग्रामीण इलाकों पर होगा. राज्यों के ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट में बड़ी गिरावट में महाराष्ट्र का कुल हिस्सा 14.2 % रहने का अंदेशा है.
एसबीआई दिल्ली के चीफ मैनेजर रविंदर गुप्ता ने NDTV से कहा- "ग्रामीण भारत में कोरोना वायरस का ज्यादा फैलाव होना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बेहत चिंता की खबर है. हमारा अनुमान है कि COVID-19 की वजह से राज्यों के ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GSDP) में नुकसान 16.8% तक रह सकता है. महाराष्ट्र में ज्यादा नुकसान होने का अनुमान है."
हालांकि मौजूदा वित्तीय साल में आर्थिक गतिविधियों की वजह से जीडीपी की विकास दर गिरकर 16.5 % रहने का अंदेशा है, जो पहले 20% तक गिरने का अनुमान था. सबसे ज्यादा चिंता होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री को लेकर है. कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) को अंदेशा है कि ट्रेवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में कोरोना संकट की वजह से 10 लाख करोड़ से ज्यादा का आर्थिक नुकसान होने और करोड़ों नौकरियां जाने का अंदेशा है.
सीआईआई नेशनल समिति, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी के सलाहकार दीपक हक्सर ने NDTV से कहा कि ट्रेवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में पिछले साल के मुकाबले इस साल 70 % से 80 % तक का नुकसान हुआ है. हम अनुमान लगा रहे हैं कि 10 से 15 लाख करोड़ का नुकसान होगा, अगर बिज़नेस इसी तरह से आगे चलेगा. और जॉब लॉस तकरीबन तीन से चार करोड़ तक होने का अनुमान है. जब तक वैक्सीन का निर्माण नहीं होगा ये बिलकुल स्ट्रीमलाइन नहीं हो पाएगा.
कोरोना वायरस के नये मामलों में ग्रामीण और छोटे जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर 54% : रिपोर्ट
उद्योग जगत का यह आकलन बताता है कि अर्थव्यवस्था का संकट काफी बड़ा है. जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ़्तार पर उसका असर पड़ता दिख रहा है. आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था की सेहत कितनी सुधरेगी ये कोरोना संकट की दिशा और दशा पर काफी हद तक निर्भर करेगा.
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