भारत ने अरब देशों (Arab world) के कुछ ट्विटर हैंडल से किए जा रहे उन 'पोस्ट' पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है जिनमें आरोप लगाया गया है कि देश के कई हिस्सों में कोरोनोवायरस (Corona Virus) फैलाने के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. भारत ने इस आरोप को अपने खिलाफ 'दुष्प्रचार' करार दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि खाड़ी के देश, भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं और वे इसके आंतरिक मामलों में किसी भी हस्तक्षेप नहीं करते. खाड़ी के देशों के साथ भारत के करीबी संबंधों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान भारत इस क्षेत्र के अपने मित्र देशों में खाद्य और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कई खाड़ी देश कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था के सुधार की संभावित स्थिति बारे में हमारे साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं. एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा, "आप जो कुछ भी देखते हैं, उसमें से ज्यादा इच्छुक लोगों द्वारा किया गया दुष्प्रचार है. इस तरह के भड़काने वाले ट्वीट्स से इन देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को परिभाषित नहीं किया जा सकता. हमारे संबंधों की वास्तविक तस्वीर इससे एकदम अलग है."भारत के कई हिस्सों में कोविड-19 के फैलने के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार माने जाने वाले कुछ लोगों के आरोपों पर विभिन्न अरब देशों के नागरिकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने ट्विटर पर नाराजगी का इजहार किया था. 57 देशों का संगठन, द ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन ने हाल ही में भारत पर "इस्लामोफोबिया" का आरोप लगाया था,
भारत ने इन आरोपों को खेदजनक बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा, "हम इन देशों में रमज़ान की अवधि के दौरान भोजन और आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं और यह एक ऐसी चीज है जिसकी काफी सराहना हुई है." गौरतलब है कि कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस.जयशंकर इस क्षेत्र से अपने समकक्षों के साथ लगातार संपर्क में हैं.
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