
कोरोनावायरस के खतरे से निपटने के लिए राज्यों की सरकारें जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. बिहार सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कदम उठाए हैं. इस बीच, राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस वायरस के खिलाफ तैयारियों को लेकर सवाल पूछा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- "नीतीश कुमार जी! मैं समझता हूं कि हकीकत यानी तथ्य इस समय हतोत्साहित करने वाले हैं लेकिन तथ्यों की जानकारी नहीं होगा और भी बुरा है. क्या आप बिहार की जनता को इस बारे में जानकारी देंगे कि अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? डॉक्टरों के लिए टेस्टिंग किट, पीपीई, एन-95 मास्क की स्थिति है?
इससे पहले, राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से मांग की था कि वे राज्य में कोरोना के मरीजों को देखने वाले डॉक्टरों को सुरक्षा संबंधी उपकरण उपलब्ध कराएं जिससे कोरोना के मरीजों को देखने वाले डॉक्टर खुद को भी इस जानलेवा संक्रमण से बचा सकें. उन्होंने ट्वीट में लिखा था, 'नीतीश कुमार और सुशील मोदी बिना सुरक्षा उपकरणों के राज्य के डॉक्टर खुद संक्रमित हो गए हैं और उनकी जाने खतरें में हैं. राज्य के 12 करोड़ बिहारियों की चिंता कौन करेगा?'
Hon'ble @NitishKumar Ji!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 28, 2020
I understand facts wud be discouraging at the moment but not knowing the facts is even worse.
Could you plz update Bihar as to what measures hv been taken to raise the capacity of hospitals? What's the status of Testing kits, PPE, N95 masks for doctors?
इस बीच, सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था करना ठीक नही हैं. नीतीश कुमार ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि विशेष बस से लोगों को भेजना एक ग़लत कदम है. उन्होंने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी, जिसकी रोकथाम करना और निपटना सबके लिए मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा. सीएम ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतज़ाम किया जाए.
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