दिल्ली स्थित ITBP के क्वारैन्टाइन सेंटर में 21 इटैलियन पर्यटकों में से 15 के कोरोनावायरस से ग्रस्त होने का शक. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. वहीं, देश दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुये सरकार ने दवाओं के मामले में एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. देश में दवाओं की कमी नहीं हो इसके लिये सरकार ने मंगलवार को पैरासेटामोल और 25 अन्य दवा सामग्रियों और उनसे बनने वाली दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत खुद जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा विनिर्माता है.
सरकार ने दर्द निवारक दवा, बुखार में काम आने वाले पेरासेटमोल, एंटीबायोटिक मैट्रोनिडजोल तथा विषाणुओं के इलाज में काम आने वाली दवा के साथ ही विटामिन बी1 और बी12 के निर्यात को फिलहाल प्रतिबंधित कर दिया है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 26 सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) और फार्मुलेशंस के निर्यात के लिये अब लाइसेंस लेने की जरूरत होगी.
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अब तक इन दवा सामग्रियों के निर्यात पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था. एपीआई विभिन्न प्रकार की दवाओं के निर्माण में कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. सरकार की ओर से की गई यह घोषणा कोरोना वायरस के दुनिया के कई देशों में फैलने के बाद उपजी चिंता को देखते हुय काफी अहम है. भारत हालांकि, दुनिया में 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है लेकिन देश की दवा कंपनियों में दवा बनाने वाले रासायनिक फार्मुलेशंस की दो तिहाई आपूर्ति के लिये वह चीन पर निर्भर है.
चीन में कोरोना वायरस शुरू होने के बाद से वहां सभी कारखाने बंद है जिसकी वजह से भारत में दवा कंपनियों को जरूरी कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में देश के भीतर जरूरी दवाओं की कमी को भांपते हुये सरकार ने इनके निर्यात पर पाबंदी लगा दी. डीजीएफटी ने अधिसूचना में कहा है, ‘कुछ खास तरह की सक्रिय औषधीय सामग्री (एपीआई) और उनसे बनने वाले फार्मुलेशंस के निर्यात को तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है. यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा.'
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सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिये नया यात्रा परामर्श जारी किया है. सरकार ने इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान के भारत की यात्रा पर आने वाले लोगों को जारी वीजा..ई-वीजा निलंबित कर दिया है. इन देशों के यात्रियों को तीन मार्च अथवा उससे पहले जारी किया गया वीजा निलंबित कर दिया गया है. देश में एपीआई का सालाना आयात 3.5 अरब डालर का होता है. इसमें से करीब ढाई अरब डालर का आयात अकेले चीन से किया जाता है. एपीआई दवाओं में कच्चे माल की तरह इस्तेमाल होता है.
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