
अमेरिका (US) में कोरोना के खतरनाक और बेहद संक्रामक डेल्टा वायरस (corona delta virus) से आई मौजूदा लहर जल्द ही पीक पर पहुंच सकती है और फिर इसमें गिरावट का रुख देखने को मिल सकता है. मगर विशेषज्ञों ने चेताया है कि लापरवाही औऱ ढिलाई का आलम यही रहा तो ये वायरस हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाएगा और इसे खत्म करने में कई साल लग जाएंगे.अमेरिका में सोमवार को कोरोना के दैनिक मामलों का साप्ताहिक औसत 1,72,000 रहा, जो इस लहर का सबसे ऊंचा स्तर था. भारत (India)में हालांकि कोरोना का मौजूदा ग्राफ 35-40 हजार रोजाना के मामलों तक रह गया है.
हालांकि वायरस की बढ़ोतरी की दर नीचे आ रही हैं और ज्यादातर राज्यों में केस कम हो रहे हैं. कोविड ऐक्ट नाउ ट्रैकर ने डेल्टा के इस खतरनाक ट्रेंड को लेकर पूरी तस्वीर जारी की है.हालांकि अमेरिका में अभी भी रोजाना औसतन 1800 लोग वायरस की चपेट में आने से मारे जा रहे हैं. जबकि एक लाख से अधिक मरीज अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमें चेतावनी देता है कि कोरोना कभी भी फिर खतरनाक रूप ले सकता है औऱ वैक्सीनेशन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही हम सभी पर भारी पड़ सकती है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (John Hopkins University) में इमरजेंसी मेडिसिन एसोसिएट प्रोफेसर भक्ति हंसोती का कहना है कि अमेरिका में भी भारत की तरह कोरोना का ग्राफ दिख रहा है.
पश्चिमी यूरोप के देशों में भी इसी तरह कोविड-19 का ग्राफ पहले तेजी से ऊपर चढ़ा था और फिर नीचे आया था. हंसोती का कहना है कि नए वैरिएंट का खतरा बना हुआ है. ठंडा मौसम आने के साथ मेलजोल बढ़ने के बाद कोरोना फिर उछाल मार सकता है, अगर हमने कोरोना की चौथी लहर से सबक न लिया तो.
कनाडा की सास्केचवान यूनिवर्सिटी में विषाणु विज्ञानी एंजेला रासमुसेन ने कहा कि चौथी लहर खत्म हो गई है, ऐसा उन्हें नहीं लगता. सर्दियों का मौसम शुरू होते ही कोरोना फिर तेजी पकड़ सकता है. ऐसे में फिर कोरोना का ग्राफ ऊपर की बढ़ सकता है.
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