शिवसेना (Shiv Sena) ने लॉकडाउन (Corona Virus Lockdown) के दौरान शिक्षित लोगों (Educated People) के आपराधिक (Crime) घटनाओं में लिप्त होने पर सोमवार को चिंता जाहिर की और कहा कि मुंबई और पुणे जैसे शहरों में रोजगार देने वाले व्यापार अगले छह महीने तक चालू रहने चाहिए.शिवसेना के मुखपत्र "सामना" में प्रकाशित संपादकीय में पुणे में गुजारा न होने पाने के कारण दो "उच्च शिक्षित" व्यक्तियों द्वारा की गई ATM लूट और नासिक में 225 रुपये वेतन मिलने पर एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मी की कथित आत्महत्या का हवाला दिया गया है.पार्टी ने इन घटनाओं को महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन का "दुष्प्रभाव" बताया है और मुंबई तथा ठाणे में महिलाओं के गले से "मंगलसूत्र" लूटने की घटनाओं का भी जिक्र किया है.
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संपादकीय में कहा गया है कि घर-संसार चलाने के लिए व बाल-बच्चों का पेट भरने के लिए समाज के शिक्षित लोगों के अपराध के मार्ग पर जाने घटनाएं सामने आयी हैं. यह सरकार के कान में खतरे की घंटी बजाने के लिए काफी है.पार्टी ने कहा कि रोजगार की तलाश में लगे लोग अपने बच्चों के खातिर कानून तोड़ने को भी तैयार हैं.संपादकीय में, मुंबई के गोरेगांव में एक डांस बार पर पुलिस के हालिया छापे का भी जिक्र है जिसमें 11 महिलाओं को बचाया गया था और 15 ग्राहकों तथा बार के चार कर्मियों को गिरफ्तार किया गया था.
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पार्टी ने कहा, "मुंबई-पुणे जैसे शहरों में रोजगार देनेवाले हर व्यवसाय अगले छह महीने चालू रखें, इसका ख्याल रखना ही होगा. कानून का पालन कौन कितना करता है? इस पर बोला जाएगा तो कई लोग जांच के दायरे में आ जाएंगे."संपादकीय में यह भी कहा गया है कि अगर उद्योग को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने को कहा जाएगा तो "क्या बचे हुए 50 प्रतिशत लोगों और उनके बाल-बच्चों का पेट पालने की व्यवस्था क्या सरकार करने वाली है? "
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं