मुम्बई के वडाला पूर्व में रहने वाले के एक परिवार ने कोरोनावायरस पीड़ित उनके घर के सदस्य की मौत के बाद बिना परिवार को सूचित किये अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया है. आम तौर पर शिकायत होती है कि कोरोना मरीज के शव को लेने परिवार वाले नहीं आते, पर ये मामला उल्टा है यहां परिवार एक बार चेहरा दिखाने की मांग कर रहा है पर पुलिस, बीएमसी और अस्पताल किसी के पास जवाब नहीं हैय सभी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं. वडाला के बरकत अलीनगर के रहने वाले कोरोना पॉजिटिव 41 साल के राकेश वर्मा की 17 मई को मौत हो गई थी और उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. लेकिन परिवार का कहना है कि उसे ये बात बताई ही नहीं गई. 21 तारीख को क्वारंटाइन से छूटने के बाद परिवार माटुंगा में बीएमसी औऱ जोगेश्वरी के ट्रोमा अस्पताल के चक्कर काटता रहा.
मृतक राकेश की मां कहना है, 'मुझे न्याय चाहिए, मैं कैसे मानू मेरा बेटा मर गया. मुझे दिखाया तक नहीं...मुझे न्याय चाहिए.' मृतक की पत्नी सुभाषिनी वर्मा ने बताया, 'मैडम बोलती रही तुम्हरा आदमी अच्छा है, उसको ऑक्सिजन लगाया है. पुलिस स्टेशन गई तो मां को पता चला कि 17 को उनकी मौत हो गई है.
मृतक राकेश के मित्र अनवर पेजे ने बताया, 'जोगेश्वरी के ट्रोमा अस्पताल में गए तो नर्स ने बताया कि रजिस्टर में लावारिस लिखा था जो कुछ पूछना है वडाला पुलिस स्टेशन में पुछो. इसके बाद अब जब वडाला पुलिस में लिखित शिकायत की गई है तो पुलिस जांच की बात कह रही है.'
इस मामले पर वडाला पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर शिवाजी शिंदे ने कहा है कि राकेश वर्मा के घरवालों ने शिकायत की है हम जांच कर रहे हैं.
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