विज्ञापन
This Article is From Nov 07, 2020

दिल्ली में कोरोना के केस अब और नहीं बढ़ने की उम्मीद, सत्येंद्र जैन ने कहा-अभी मास्क को ही वैक्सीन समझें लोग

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, प्रदूषण कोविड का कारण तो नहीं है लेकिन दोनों ही खतरनाक हैं. अगर हम मास्क नहीं लगाते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे तो सबसे बड़ा कारण वही है.

दिल्ली में कोरोना के केस अब और नहीं बढ़ने की उम्मीद, सत्येंद्र जैन ने कहा-अभी मास्क को ही वैक्सीन समझें लोग
सत्येंद्र जैन ने कहा, दिल्ली में कोरोना की मृत्यु दर एक फीसदी से कम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने उम्मीद जताई है कि राजधानी में कोरोना (Corona Cases In Delhi) की तीसरी लहर का सर्वोच्च स्तर (पीक) आ चुका है. लिहाजा दिल्ली में कोरोना के मामले अब और नहीं बढ़ने चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Sateyndra  Jain) ने कहा कि जब तक कोरोना का टीका नहीं विकसित हो जाता, लोगों को मास्क को ही वैक्सीन (vaccine) समझकर एहतियात बरतना चाहिए. 

जैन ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा 'तीसरा पीक चल रहा है.. पहला 23 जून को, दूसरा 17 सितंबर को और तीसरा पीक आज जो 7 हज़ार कह रहे हैं तो, हमें लगता है इसके बाद डाउन ही जाना चाहिए.' दिल्ली सरकार ने 500 कोविड बेड सरकारी अस्पतालों में अलॉट किए हैं. इसमें 110 ICU बेड भी शामिल हैं. निजी अस्पतालों में 685 कोविड बेड बढ़ाए हैं. कुल 1185 बेड शुक्रवार को अस्पतालों में बढ़ाए गए. उन्होंने कहा कि 80% ICU बेड प्राइवेट अस्पताल में रिज़र्व किए थे, जिसे हाईकोर्ट ने रोक दिया था. उसके लिए सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की गई है.

ज्यादा मामलों के पीछे त्योहारों की भीड़ जैसी कई वजहें?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, त्योहारों का सीजन है, खरीदारी के साथ बहुत भीड़भाड़ भी है कई जगहों पर. इसके अलावा कई सारे कारण हैं. लोगों से अपील है कि जब तक वैक्सीन न मिले अपने मास्क को हो वैक्सीन मानें और मास्क ज़रूर लगाएं. 

प्रदूषण का कोरोना के केस बढ़ने से कोई संबंध है?
प्रदूषण कोविड का कारण तो नहीं है लेकिन दोनों ही खतरनाक हैं. संक्रमण बढाने की सबसे बड़ी वजह हमारा व्यवहार है. अगर हम मास्क नहीं लगाते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करेंगे तो सबसे बड़ा कारण वही है.

दिल्ली में मृत्यु दर पर एक फीसदी से भी कम
दिल्ली में कोरोना से 0.80% यानी 1% से भी कम मौतें हुई हैं. पिछले 10 दिन का अगर औसत लिया जाए तो ओवरआल डेथ 1.61% है. देश के सभी बड़े शहरों में मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु से तुलना करें तो दिल्ली मृत्यु दर में 17वें नम्बर पर आता है. डेथ कमेटी अभी भी है और सारे अस्पतालों में जा रही है.

स्टे से क्या ICU बेड को लेकर दिक्कत हो सकती है?
जैन ने कहा कि आवश्यकता पड़ेगी तो बेड और बढ़ाएंगे. ICU बेड अभी बढ़ा पाना संभव नहीं है, क्योंकि स्टे लगा है. 10 सितंबर को आदेश दिए थे तो उससे 1200-1300 बेड और बढ़ जाते. आज दिल्ली में 3200 ICU बेड हैं. अगर 1200 और बढ़ जाते तो ICU बेड की काफी उपलब्धता रहती. अभी भी सरकारी अस्पतालों में ICU बेड हैं, लेकिन काफी सारे लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाना चाहते हैं. दिल्ली से बाहर जो लोग आ रहे हैं वो भी प्राइवेट अस्पतालों में जाना चाह रहे हैं. हमने व्यवस्था कर दी थी तो कोर्ट ने स्टे लगा दिया. फैसले को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दी गई है. 

दिल्ली हिंसा में उमर खालिद के अभियोजन को मंजूरी की वजह
जैन ने कहा, दंगों के केस में ये रूटीन वाली बात है. अभियोजन स्वीकृति वाले केस में मंजूरी दी जाती हैं. इसमें कई फाइलें रूटीन में आती हैं तो ऐसे तो बहुत सारी फाइलें गई हैं.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com