फाइल फोटो : एलओसी पर शहीद एक सैनिका का अंतिम संस्कार
नई दिल्ली:
भारत की संसद जहां एक ओर पाकिस्तान को एलओसी पर सीजफायर के उल्लंघन के लिए कड़ा संदेश दिया वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपने संदेश में शांति और सहयोग के प्रति कटिबद्धता की बात कही है।
गौरतलब है कि भारतीय संसद ने बुधवार को पाकिस्तानी नेशनल एसेंबली के उस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया, जिसमें भारतीय सेना और जनता के खिलाफ पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे।
संसद में पास प्रस्ताव में कहा गया कि पाकिस्तान या पाकिस्तान की जनता के लिए भारत खतरा नहीं है। वे आतंकी समूह क्षेत्र की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं, जिन्हें भारत को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान पाल पोस रहा है।
इसमें कहा गया कि सदन पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई की कड़ी निन्दा करता है और इस बात को फिर से दोहराता है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि सहित पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का यह संदेश मीडिया को जारी नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को तभी संदेश भेजा जब नवाज शरीफ का डॉ मनमोहन सिंह को भेजा संदेश जारी किया। इस संदेश में नवाज को सिंह की संदेश के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अगले महीने न्यूयॉर्क में उनकी मुलाकात होगी।
बता दें कि 14 अगस्त को पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
इस पूरे मुद्दे पर विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि संसद और प्रधानमंत्री के संदेश में कोई विरोधाभासी बातें नहीं है। उनका तर्क है कि दोनों को एक प्रोटोकॉल के तहत संदेशों का आदान-प्रदान करना होता है। खुर्शीद का कहना है कि इस समय पाकिस्तान से वार्ता के मुद्दे पर बात करने का समय नहीं है, हमें दोनों प्रधानमंत्रियों पर वार्ता करने की बात को छोड़ देना चाहिए।
गौरतलब है कि भारतीय संसद ने बुधवार को पाकिस्तानी नेशनल एसेंबली के उस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया, जिसमें भारतीय सेना और जनता के खिलाफ पूरी तरह से बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे।
संसद में पास प्रस्ताव में कहा गया कि पाकिस्तान या पाकिस्तान की जनता के लिए भारत खतरा नहीं है। वे आतंकी समूह क्षेत्र की शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं, जिन्हें भारत को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान पाल पोस रहा है।
इसमें कहा गया कि सदन पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई की कड़ी निन्दा करता है और इस बात को फिर से दोहराता है कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि सहित पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का यह संदेश मीडिया को जारी नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को तभी संदेश भेजा जब नवाज शरीफ का डॉ मनमोहन सिंह को भेजा संदेश जारी किया। इस संदेश में नवाज को सिंह की संदेश के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अगले महीने न्यूयॉर्क में उनकी मुलाकात होगी।
बता दें कि 14 अगस्त को पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
इस पूरे मुद्दे पर विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि संसद और प्रधानमंत्री के संदेश में कोई विरोधाभासी बातें नहीं है। उनका तर्क है कि दोनों को एक प्रोटोकॉल के तहत संदेशों का आदान-प्रदान करना होता है। खुर्शीद का कहना है कि इस समय पाकिस्तान से वार्ता के मुद्दे पर बात करने का समय नहीं है, हमें दोनों प्रधानमंत्रियों पर वार्ता करने की बात को छोड़ देना चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारत पाकिस्तान संबंध, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पाकिस्तान को संदेश, नवाज शरीफ, संसद का संदेश, स्वतंत्रता दिवस 2013, PM Manmohan Singh, Nawaz Sharif, Parliament Message, India Pakistan Relations