दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच विवाद थमते नहीं दिख रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन की नियुक्ति से शुरू हुआ विवाद अब चरम पर है और इस सिलसिले में केजरीवाल आज शाम 6 बजे प्रेजिडेंट से भी मिलने जा रहे हैं।
बहरहाल, हमारे चैनल एनडीटीवी इंडिया ने इन संवैधानिक पदों पर नियुक्ति आदि से जुड़े मसले पर तीन संविधान विशेषज्ञों से बातचीत की। आप भी जानें क्या है उनकी राय...
संविधान विशेषज्ञ और वरिष्ठ वकील राजीव धवन से दिल्ली सरकार ने बात की तो उन्होंने सीएम का पक्ष लिया। जानें उनकी राय:
- मुख्यमंत्री के पास मुख्य सचिव को चुनने का अधिकार
- केंद्र के पास मुद्दा लंबित है तो उप-राज्यपाल फ़ैसला ले सकते हैं
- सीएम के पास फ़ैसला लंबित होने पर यह अधिकार उप राज्यपाल नहीं
- किसी की नियुक्ति के लिए उप-राज्यपाल सलाह दे सकते हैं
- इस पूरे मामले पर उपराज्यपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर काम किया है
वहीं, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक संविधान के मुताबिक क्या है अधिकारक्षेत्र का मामला:
-दिल्ली एक केन्द्र शासित प्रदेश है
-उप राज्यपाल एक प्रशासक हैं और उनका आख़िरी फ़ैसला होगा
-LG मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करने को बाध्य नहीं हैं
वहीं, संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा बोले कि दिल्ली के लिए 1991 में संविधान में संशोधन किया गया था। इसके मुताबिक:
-संविधान संशोधन के तहत दिल्ली एक केन्द्रशासित प्रदेश है
-राष्ट्रपति एक प्रशासक के ज़रिए शासन चलाएंगे
-दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार होगी जिसका मुखिया सीएम होगा
-मुख्यमंत्री का काम उप राज्यपाल को सलाह और मदद देना होगा
-ट्रांसफ़र-पोस्टिंग का काम एलजी गृह मंत्रालय के ज़रिए करेंगे
-मतभेद होने पर राष्ट्रपति सुलझाएंगे मसला।
बहरहाल, हमारे चैनल एनडीटीवी इंडिया ने इन संवैधानिक पदों पर नियुक्ति आदि से जुड़े मसले पर तीन संविधान विशेषज्ञों से बातचीत की। आप भी जानें क्या है उनकी राय...
संविधान विशेषज्ञ और वरिष्ठ वकील राजीव धवन से दिल्ली सरकार ने बात की तो उन्होंने सीएम का पक्ष लिया। जानें उनकी राय:
- मुख्यमंत्री के पास मुख्य सचिव को चुनने का अधिकार
- केंद्र के पास मुद्दा लंबित है तो उप-राज्यपाल फ़ैसला ले सकते हैं
- सीएम के पास फ़ैसला लंबित होने पर यह अधिकार उप राज्यपाल नहीं
- किसी की नियुक्ति के लिए उप-राज्यपाल सलाह दे सकते हैं
- इस पूरे मामले पर उपराज्यपाल ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर काम किया है
वहीं, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के मुताबिक संविधान के मुताबिक क्या है अधिकारक्षेत्र का मामला:
-दिल्ली एक केन्द्र शासित प्रदेश है
-उप राज्यपाल एक प्रशासक हैं और उनका आख़िरी फ़ैसला होगा
-LG मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करने को बाध्य नहीं हैं
वहीं, संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा बोले कि दिल्ली के लिए 1991 में संविधान में संशोधन किया गया था। इसके मुताबिक:
-संविधान संशोधन के तहत दिल्ली एक केन्द्रशासित प्रदेश है
-राष्ट्रपति एक प्रशासक के ज़रिए शासन चलाएंगे
-दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार होगी जिसका मुखिया सीएम होगा
-मुख्यमंत्री का काम उप राज्यपाल को सलाह और मदद देना होगा
-ट्रांसफ़र-पोस्टिंग का काम एलजी गृह मंत्रालय के ज़रिए करेंगे
-मतभेद होने पर राष्ट्रपति सुलझाएंगे मसला।
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