यह ख़बर 24 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

ज्यादातर बातों पर सहमति, अब खुशखबरी का इंतजार

खास बातें

  • सरकार के सूत्रों ने एनडीटीवी से कहा कि टीम अन्ना की ज्यादातर मांगें मान ली गई हैं, ऐसे में उन्हें अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए।
New Delhi:

सरकार और टीम अन्ना के बीच तीन मुद्दों पर बात अटकी है। एक तो सरकार ये चाहती है कि निचले स्तर के कर्मचारी लोकपाल के दायरे में न आएं, जबकि टीम अन्ना उन्हें भी लोकपाल के दायरे में लाना चाहती है। सभी राज्यों में एक साथ लोकायुक्त की नियुक्ति हो और राज्य के कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे। इस पर सरकार का कहना है कि राज्यों में अलग−अलग पार्टियों की सरकार है और ऐसे में दखल देना सही नहीं होगा। हर विभाग अपना एक सिटीजन चार्टर बनाए, जिसमें बताए जाए कि कौन अधिकारी कितने दिन में कौन सा काम करेगा। ऐसा न करने पर उसकी सैलरी काटी जाए। सरकार चाहती है कि टीम अन्ना इन तीन मुद्दों को लेकर दबाव न बनाए। सरकार के सूत्रों ने एनडीटीवी से कहा कि टीम अन्ना की ज्यादातर मांगें मान ली गई हैं, ऐसे में उन्हें अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए। किसी भी बातचीत में एक पक्ष की सौ फीसदी बातें नहीं मानी जाती। संविधान और संसद सबसे ऊपर है, इसलिए संविधान की प्रक्रिया को ध्यान में रखा जाए। सरकार ने यह भी कहा कि वह अन्ना की सेहत को लेकर चिंतित है।


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