यह ख़बर 24 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

16 साल बाद कांग्रेस को मिला रेल मंत्रालय, सीपी जोशी ने संभाला प्रभार

खास बातें

  • सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी ने सोमवार को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला और कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ मुसाफिरों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
नई दिल्ली:

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी ने आज रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला और कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ मुसाफिरों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल राय के इस्तीफे के बाद जोशी को रेलवे का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। तृणमूल कांग्रेस के यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ मुकुल राय सहित पार्टी के सभी छह मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था।

रेल मंत्रालय का प्रभार संभालने और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद 62 वर्षीय जोशी ने रेल भवन में संवाददाताओं से कहा, यात्रियों की सुविधाओं और रेलवे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा मेरी शीर्ष प्राथमिकता होगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के भीलवाड़ा से लोकसभा सदस्य चुने गए जोशी ने कहा कि रेल अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा करने के बाद वह अपने मंत्रालय का एजेंडा तय करेंगे। लक्ष्य यह है कि भारत के आर्थिक विकास में रेलवे की सक्रिय भूमिका हो। 16 साल बाद रेल मंत्रालय किसी कांग्रेसी नेता को मिला है।

यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान राजद नेता लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे, जबकि यूपीए-2 में यह मंत्रालय तृणमूल कांग्रेस के पास था। तृणमूल कांग्रेस की ओर से पहले ममता बनर्जी रेलमंत्री बनीं। उनके पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी पार्टी के दिनेश त्रिवेदी और फिर मुकुल राय रेलमंत्री बने थे। 2009 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने जोशी को यूपीए-2 सरकार में पहले ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री बनाया गया और उसके बाद पिछले साल उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।

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यात्री किराये में प्रस्तावित बढ़ोतरी को वापस लेने से रेलवे पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, इस बारे में बात करना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। मैं इन मुद्दों पर अपने अधिकारियों के साथ चर्चा करूंगा। मुझे पहले मंत्रालय को समझ लेने दीजिए। आर्थिक मोर्चें के अलावा रेलवे सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण जैसे मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना कर रहा है।