कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की ओर से पार्टी की कमान किसी गैर गांधी शख्स को सौंपे जाने के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के विचार का समर्थन करने की खबरों से जूझ रही कांग्रेस ने आज एक खुलासा किया है. कांग्रेस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस्तीफा देने और राहुल गांधी के लिए रास्ता बनाने की पेशकश की थी लेकिन राहुल गांधी ने पद लेने से इंकार कर दिया था. इससे पहले, गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष से प्रियंका गांधी के सहमति जताने की खबरों पर पार्टी ने बुधवार को कहा कि हम प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी में अचानक उपजी प्रायोजित मीडिया की रूची के खेल को समझते हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मनमोहस सिंह अपना पद छोड़ना चाहते थे. यह दर्शाता है कि अपने परिवार की तरह राहुल गांधी भी कभी सत्ता के लिए लालायित नहीं थे.
एक इंटरव्यू के कुछ हिस्से को लेकर मीडिया में प्रियंका गांधी का हवाला देते हुए खबरें चल रही हैं. यह इंटरव्यू प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह की एक किताब 'इंडिया टुमॉरो' का एक हिस्सा है. कांग्रेस ने कहा कि प्रियंका गांधी ने यह इंटरव्यू एक साल पहले दिया था.
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 19, 2020
हम श्रीमती प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी (1 जुलाई, 2019) में अचानक उपजी प्रायोजित मीडिया की रूची (सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर) के खेल को समझते हैं।
आज समय है मोदी-शाह द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर किए बर्बरतापूर्ण हमले का सामना करने और निडरता से इससे लोहा लेने का है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को अपने ट्वीट में लिखा, "हम (कांग्रेस) प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी (1 जुलाई, 2019) में अचानक उपजी प्रायोजित मीडिया की रूची (सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर) के खेल को समझते हैं. आज समय है मोदी-शाह द्वारा भारतीय लोकतंत्र पर किए बर्बरतापूर्ण हमले का सामना करने और निडरता से इससे लोहा लेने का है."
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 19, 2020
लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल जी के अनथक संघर्ष व संकल्प के गवाह हैं, जिससे उन्होंने इस लड़ाई का नेतृत्व किया है। न विपरीत स्थिति की परवाह की और न ही मोदी सरकार के विभत्स हमलों की।
यही वह निडरता और अदम्य साहस है जिसकी कांग्रेस को ही नहीं बल्कि देश को सबसे ज़्यादा जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा, "नेहरू-गांधी परिवार ने सत्ता के मोह से दूर, सदा सेवाभाव से कांग्रेस को एक सूत्र में बांधे रखा है. 2004 में सोनिया जी ने सत्ता के बजाय पार्टी की सेवा चुनी. 2019 में राहुल जी ने भी दृढ़ विश्वास की हिम्मत दिखाई और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया."
अपने तीसरे ट्वीट में सुरजेवाला ने राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर बचाव किया है. उन्होंने कहा, "लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के अथक संघर्ष व संकल्प के गवाह हैं, जिससे उन्होंने इस लड़ाई का नेतृत्व किया है. न विपरीत स्थिति की परवाह की और न ही मोदी सरकार के विभत्स हमलों की. यही वह निडरता और अदम्य साहस है जिसकी कांग्रेस को ही नहीं बल्कि देश को सबसे ज़्यादा जरूरत है."
इंटरव्यू में प्रियंका गांधी के हवाले से कहा गया है कि वह गांधी परिवार के बाहर के किसी शख्स को बॉस के रूप में स्वीकार करेंगी. उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस और उसके नेतृत्व को लेकर है. पिछले साल हुए आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से पार्टी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
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