कांग्रेस ने पूर्व नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (सीएजी) विनोद राय के उस दावे के लिए कड़ी कालोचना की, जिसमें यूपीए शासनकाल के दौरान घोटालों में शामिल लोगों के नाम हटाने के लिए उन पर दबाव बनाने की बात कही गई है। पार्टी ने कहा कि चीजों को सनसनीखेज बनाना उनकी प्रवृत्ति है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर किसी भी तरह से, वह किसी दबाव में थे या उन्हें सीधे या परोक्ष रूप से मजबूर किया जा रहा था कि कुछ लोगों का नाम दिया जाए और अन्य का हटा दिया जाए, तो क्या यह उन पर निर्भर नहीं था कि वह उस समय ही इस बात को सार्वजनिक करते।
उन्होंने कहा कि विनोद राय संभवत: सनसनी फैलाने वाली इन छोटी-छोटी बातों को दबाए हुए थे, ताकि इनका उपयोग जो इन दिनों 'सेवानिवृत्ति पेंशन योजना' कहलाती है, उसके लिए करें...जब आप लिखें और आसपास पर्याप्त सनसनी फैलाएं।
विनोद राय ने दावा किया है कि यूपीए के पदाधिकारियों ने कुछ नेताओं को इस काम पर लगाया था कि मैं कोलगेट और राष्ट्रमंडल खेल घोटालों से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट से कुछ नामों को हटा दूं। राय ने अपनी आने वाली किताब 'नॉट जस्ट एन एकाउंटेंट' में अपने विचार व्यक्त किए हैं, जो अगले महीने जारी होगी।
उन्होंने यह दावा भी किया है कि उनके कैग बनने से पहले आईएएस में उनके सहयोगी रहे कुछ लोगों से भी यूपीए के पदाधिकारियों ने नाम हटाने के लिए मनाने का अनुरोध किया था।
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