नई दिल्ली:
गोवा में कांग्रेस ने बीजेपी पर असंवैधानिक तरीके से बहुमत जुटाने का आरोप लगाया है और गवर्नर की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. इस मसले पर कांग्रेस सांसदों ने राज्यसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा किया. सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने में कांग्रेस के नाकाम रहने का ठीकरा स्थानीय नेताओं ने बिना नाम लिए गोवा प्रभारी दिग्विजय सिंह पर फोड़ा. जबकि दिग्वियज सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस के दूसरे सांसदों के साथ राज्यसभा में जम कर हंगामा किया और बीजेपी नेताओं पर गैर-कानूनी तरीके से जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने का आरोप लगा दिया.
दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से कहा, "गोवा में गडकरी और पर्रिकर जी ने डकैती डाली है, मैन्डेट की चोरी की है. मैं पूछता हूं गडकरी से, "आप झोला लेकर गये थे उसमें कितना सामान ले कर गये थे?" कांग्रेस सांसदों ने एक इंटरव्यू में गोवा गवर्नर के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने माना था कि बीजेपी को न्योता देने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से सलाह ली थी.
गोवा में सत्ता हाथ से निकलने की हताशा कांग्रेस पर राज्यसभा में साफ तौर पर दिखाई दी. सवाल उठा कि जब सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बाद मनोहर पर्रिकर बहुमत साबित कर चुके हैं तो इस मसले को संसद में उठाने में कांग्रेस ने देरी तो नहीं कर दी. सदन में हंगामे के बीच उपसभापति ने कहा गवर्नर की भूमिका पर किसी मोशन पर ही चर्चा संभव है.
लेकिन कांग्रेस सांसदों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सरकार ने कहा, वो सदन में गवर्नर की भूमिका पर चर्चा के लिए तैयार है. दरअसल इस राजनीतिक खींचतान के बीच ये सवाल भी उठ रहा है कि वक़्त रहते कांग्रेस ने बहुमत जुटाने की वैसी कोशिश क्यों नहीं की, जैसी बीजेपी कर गई.
दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से कहा, "गोवा में गडकरी और पर्रिकर जी ने डकैती डाली है, मैन्डेट की चोरी की है. मैं पूछता हूं गडकरी से, "आप झोला लेकर गये थे उसमें कितना सामान ले कर गये थे?" कांग्रेस सांसदों ने एक इंटरव्यू में गोवा गवर्नर के उस बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने माना था कि बीजेपी को न्योता देने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से सलाह ली थी.
गोवा में सत्ता हाथ से निकलने की हताशा कांग्रेस पर राज्यसभा में साफ तौर पर दिखाई दी. सवाल उठा कि जब सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बाद मनोहर पर्रिकर बहुमत साबित कर चुके हैं तो इस मसले को संसद में उठाने में कांग्रेस ने देरी तो नहीं कर दी. सदन में हंगामे के बीच उपसभापति ने कहा गवर्नर की भूमिका पर किसी मोशन पर ही चर्चा संभव है.
लेकिन कांग्रेस सांसदों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सरकार ने कहा, वो सदन में गवर्नर की भूमिका पर चर्चा के लिए तैयार है. दरअसल इस राजनीतिक खींचतान के बीच ये सवाल भी उठ रहा है कि वक़्त रहते कांग्रेस ने बहुमत जुटाने की वैसी कोशिश क्यों नहीं की, जैसी बीजेपी कर गई.
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