बीते साल कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में फैसला लिया गया था कि लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ही पीएम पद के उम्मीदवार होंगे. इस बैठक में यह भी तय किया गया कि चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी किस पार्टी या पार्टियों के साथ गठबंधन करेगी इसका फैसला भी कांग्रेस अध्यक्ष ही लेंगे और यूपीए की ओर की अगुवाई राहुल गांधी ही करेंगे. हालांकि कांग्रेस की ओर से आए इस बयान को टीएमसी नेता ममता बनर्जी, सपा नेता अखिलेश यादव ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी. लेकिन कोलकाता में शनिवार को आयोजित ममता बनर्जी की महारैली में 20 बड़े नेताओं के शामिल होने के बाद ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस भी अब पीएम पद की उम्मीदवारी के सवाल पर बैकफुट में जाना ही मुनासिब समझ रही है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने कहा है कि जहां तक पीएम पद का सवाल है, इस पर फैसला चुनाव के बाद होगा, लोकतांत्रिक तरीके का पालन किया जाएगा, हर कोई पीएम पद के लिए योग्य है. उन्होंने यह भी कहा है कि बीजेपी विपक्षी दलों की एकता देख सकती है, इसलिए वह अब बयानबाजी कर रही है.
PL Punia, Congress: As far as PM candidate is concerned, is the post vacant today? This issue will be addressed after election. A democracy should follow procedures. Everyone is eligible to be the PM. They(BJP)can see unity of opposition parties, so they're giving such statements pic.twitter.com/F7h3GVZKdK
— ANI (@ANI) January 20, 2019
2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ही होंगे कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार
आपको बता दें कि बीते साल ही जब द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने का प्रस्ताव दिया था तब ही ममता बनर्जी ने अपना रुख जाहिर कर दिया था. उन्होंने कहा कि विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही चर्चा हो सकती है. ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा,‘‘2019 में लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर चर्चा हो सकती है. एकबार विपक्षी गठबंधन विजयी हो जाए फिर सभी पार्टियां बैठक कर इस मामले पर निर्णय लेंगी. हमें उसे स्वीकार करेंगे.'' यह पूछे जाने पर कि क्या वह भी इस दौड़ में शामिल हैं,उन्होंने कहा, ‘‘इस मसले पर बात करने का यह वक्त नहीं है. मैं अकेले नहीं हूं. हम साथ में काम कर रहे हैं. हम मजबूती से साथ में हैं.' इससे पहले भी उन्होंने राहुल गांधी की अगुवाई में सरकार बनाने की बात आनाकानी ही करती नजर आई हैं.
कांग्रेस नेता शशि थरूर बोले- राहुल गांधी हमारे नेता, बहुमत मिला तो वही बनेंगे प्रधानमंत्री
तीसरे मोर्चे के लिए पुरजोर वकालत कर रही हैं ममता बनर्जी ने समय-समय पर खुद को नेता के तौर पर भी पेश करने से नहीं चूकी हैं. बीते साल ही नीति आयोग की बैठक से इतर उन्होंने आंध्र प्रदेश को स्पेशल दर्जा के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू के साथ पीएम मोदी से भी मुलाकात की. उनके साथ कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी भी मौजूद थे. इसके बाद शनिवार को हुई रैली में भी उन्होंने पूरे भारत से 20 बड़े नेताओं को अपने मंच पर इकट्ठा किया और महारैली कर पूरे देश को अपनी ताकत दिखाई. यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ममता के मंच पर सपा नेता अखिलेश यादव और बीएसपी की ओर से सतीश चंद्र मिश्रा और आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी थे. जबकि कांग्रेस की ओर महंगाई को लेकर दिल्ली में की गई रैली में अखिलेश, मायावती और अरविंद केजरीवाल नहीं आए थे. फिलहाल इन नेताओं ने भी साफ संकेत दिए हैं कि वे कांग्रेस की अगुवाई नहीं चाहते हैं.
मुकाबला : क्या सारे विरोधी दल एकजुट हो पाएंगे?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं