कांग्रेस MP बोलीं - राज्यसभा सांसद हूं, लोकसभा में बैठी हूं, तो जवाब मिला - आपके नेताओं ने डिमोशन करा दिया

कोरोनावायरस महामारी के बीच संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो चुका है और मंगलवार को सत्र का दूसरा दिन है. इस दौरान कांग्रेस की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा और राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के बीच में दिलचस्प बातचीत देखने को मिली

कांग्रेस MP बोलीं - राज्यसभा सांसद हूं, लोकसभा में बैठी हूं, तो जवाब मिला - आपके नेताओं ने डिमोशन करा दिया

राज्यसभा सांसद और अध्यक्ष वैंकेया नायडू के बीच दिखी मजेदार बातचीत. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

खास बातें

  • कांग्रेस सांसद छवि वर्मा सदन में बोलीं
  • 'राज्यसभा की सांसद, लेकिन लोकसभा में बैठ रहे हैं'
  • इसपर सभापति नायडू ने ली चुटकी
नई दिल्ली:

कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच संसद का मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) शुरू हो चुका है और मंगलवार को सत्र का दूसरा दिन है. इस दौरान कांग्रेस की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा (Congress MP Chaya Verma) और राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू (Venkaiah Naidu) के बीच में दिलचस्प बातचीत देखने को मिली. दरअसल, छाया वर्मा ने कहा था कि वो राज्यसभा की सांसद हैं लेकिन कोरोनावायरस के चलते राज्यसभा में बैठने की बजाय लोकसभा में बैठी हैं. इसपर उन्हें राज्यसभा के सभापति नायडू से बहुत मजेदार जवाब मिला. 

कांग्रेस सांसद की इस बात पर सभापति नायडू ने कहा कि 'गुलाम नबी आजाद जी और आनंद शर्मा जी ने आप का डिमोशन किया है और आपको लोअर हाउस में बैठने को कहा है.' गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और आनंद शर्मा उप-नेता प्रतिपक्ष हैं.

बता दें कि कोरोनावायरस के बीच शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र में इस सांसदों के बैठने की व्यवस्था भी बदली गई है. ऐसा पहली बार हो रहा है, जब लोकसभा के सदस्य राज्यसभा सदन में बैठ रहे हैं, वहीं राज्यसभा के सदस्य लोकसभा में बैठ रहे हैं. बैठने के लिए हर सीट पर पॉली-कॉर्बन ग्लास लगाए गए हैं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया है. 

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कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने मंगलवार को सदन में मनरेगा का मुद्दा उठाया. उनकी मांग थी कि कोरोनावायरस संकट के दौरान सरकार को महात्मा गांधी रोजागर गारंटी योजना के तहत साल के 100 दिनों की बजाय 200 दिनों के लिए रोजगार की अवधि कर देनी चाहिए.

बता दें कि कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते देशभर में असंगठित क्षेत्र के कामगारों, मजदूरों और व्यापारियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते लाखों मजदूरों के रोजगार ठप हो गए थे. केंद्र और राज्य सरकारें कह रही हैं कि इन कामगारों और मजदूरों के लिए रोजगार सृजन की दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन फिलहाल अर्थव्यवस्था पटरी पर आती नहीं दिख रही है.

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