कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू (Navjot Sidhu) और राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के बीच विवाद कम होता नजर नहीं आ रहा है. सिद्धू अपने बयानों से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को लगातार परेशान करते रहे हैं. जिस दिन पंजाब सरकार केंद्र के नए कृषि कानूनों के के विरोध करने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश करने की योजना बना रही थी, उस दिन कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के फसल खरीद मॉडल के लिए दूसरी बार राज्य की अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना कर दी.
सिद्धू ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में कहा, "आज, पंजाब में गेहूं और चावल के अलावा किसी अन्य फसल के लिए सरकारी खरीद मॉडल नहीं है. न ही हमारे पास भंडारण क्षमता और विपणन क्षमता है. आज, केंद्रीय खाद्यान्न गोदाम खाली हैं. वे इस साल हमारे चावल खरीदेंगे फिर उसके बाद क्या होगा? हमारी तैयारी का समय सिर्फ एक-तीन साल है."
If you are not part of the Solution,
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 19, 2020
You are part of the Precipitate (Problem)...
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सिद्धू ने 4 अक्टूबर को भी अपनी ही पार्टी द्वारा केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ सामने ही आलोचना कर दी थी. उन्होंने कहा था"अगर हिमाचल प्रदेश सेब खरीद सकता है तो हम फसलों की खरीद क्यों नहीं कर सकते, हम उन्हें एमएसपी क्यों नहीं दे सकते?"
बताते चले कि विपक्षी पार्टियों ने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विधेयक पटल पर नहीं रखने को लेकर राज्य सरकार की सोमवार को आलोचना की. इस दौरान ‘आप' विधायकों ने सदन में धरना भी दिया.सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक देर शाम तक विधानसभा के बीचों-बीच बैठे रहे, जिसके बाद वे विधानसभा के बाहर गैलरी में चले गए, लेकिन वे सदन परिसर के भीतर ही रहे और उन्होंने उस विधेयक की प्रतियों की मांग की, जिसे मंगलवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पेश करने वाली है.
इससे पहले, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि वे मुद्दे पर संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं और सत्र के दौरान पटल पर रखे जाने वाले विभिन्न विधेयकों की प्रतियां विपक्षी पार्टी के सदस्यों को शाम तक मुहैया करा दी जाएंगी. बाद में नेता विपक्ष एवं आप नेता हरपाल चीमा ने देर रात कहा, ‘‘हम यहां रातभर बैठेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि हमें सत्र के दौरान पेश होने वाले इस विधेयक और अन्य विधेयकों को प्रतियां अब तक नहीं मिली हैं.'' इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और विधानसभा के अधिकारियों ने आप नेताओं को प्रदर्शन बंद करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे. उल्लेखनीय है कि चार साल पहले सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में रात बिताई थी.
VIDEO:पंजाब में कृषि बिलों का विरोध, नवजोत सिंह सिद्धू भी सड़क पर उतरे
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