प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:
कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पांच बार मेघालय के मुख्यमंत्री रहे डोनवा देथवेल्सन लपांग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इस खबर से पार्टी में हड़कंप मच गया. लपांग ने पार्टी नेतृत्व पर ‘वरिष्ठ नेताओं’ को दरकिनार करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गुरुवार रात भेजे इस्तीफे में लपांग ने कहा कि वह ‘‘अनिच्छा और भारी मन से इस्तीफा दे रहे हैं.’’मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के पूर्व प्रमुख ने एआईसीसी पर वरिष्ठ एवं बुजुर्ग लोगों को दरकिनार करने की नीति पर चलने का आरोप लगाया.इस्तीफे वाले पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि अब वरिष्ठ एवं बुजुर्ग लोगों की सेवा एवं योगदान पार्टी के लिए उपयोगी नहीं रह गई हैं.’’इस्तीफे की प्रतियां उन्होंने मीडिया को भी उपलब्ध कराईं.
लपांग ने कहा, ‘‘इस प्रतिबंध ने मुझे निराश कर दिया और मुझे पार्टी से अलग होने पर मजबूर कर दिया.’’ लपांग पहली बार 1992 में मेघालय के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद वह 2003,2007 और 2009 में मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए. एआईसीसी के मेघालय के प्रभारी महासचिव लुइजिन्हो फलेरो ने कहा कि वह पिछले तीन साल से लपांग से नहीं मिले हैं.वहीं एमपीसीसी के अध्यक्ष सेलिस्टिन लिंग्दोह ने लपांग के पार्टी छोड़ने के निर्णय पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम कोशिश करेंगे और देखेंगे अगर जल्द से जल्द मामले को निपटाया जा सके.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लपांग ने कहा, ‘‘इस प्रतिबंध ने मुझे निराश कर दिया और मुझे पार्टी से अलग होने पर मजबूर कर दिया.’’ लपांग पहली बार 1992 में मेघालय के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद वह 2003,2007 और 2009 में मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए. एआईसीसी के मेघालय के प्रभारी महासचिव लुइजिन्हो फलेरो ने कहा कि वह पिछले तीन साल से लपांग से नहीं मिले हैं.वहीं एमपीसीसी के अध्यक्ष सेलिस्टिन लिंग्दोह ने लपांग के पार्टी छोड़ने के निर्णय पर हैरानी जताई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम कोशिश करेंगे और देखेंगे अगर जल्द से जल्द मामले को निपटाया जा सके.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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