फाइल फोटो
                                                                                                                        - सिद्धारमैया चाहते है कि जो बजट उन्होंने पेश किया था उसे ही आगे बढ़ाए
 - कुमारास्वामी नया बजट पेश करने के पक्ष में हैं
 - बजट के भविष्य को लेकर तस्वीर साफ नहीं है
 
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        कर्नाटक में अब बजट को लेकर कांग्रेस और जेडीएस के बीच टकराव शरू हो गया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चाहते है कि जो बजट उन्होंने पेश किया था उसे ही कुमारास्वामी सरकार आगे बढ़ाए, नया बजट पेश न किया जाए. लेकिन कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के हस्ताक्षेप के बाद कुमारास्वामी नए बजट की तैयारी में जुट गए हैं. विधानसभा में बजट को लेकर गहमा-गहमी जारी है. मुख्यमंत्री कुमारास्वामी दुविधा में है कि भले ही राहुल गांधी की दखल के बाद वे नए सिरे से बजट बनाने में जुटे हो लेकिन इस बजट के भविष्य को लेकर तस्वीर साफ नहीं है.
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कर्नाटक मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी ने कहा कि बजट आना है लेकिन पेश हो पाएगा या नही इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं. पिछले साल फरवरी में जब बजट पेश हुए था तब के 100 एमएलए हार गए हैं. ऐसे में नए विधायकों का भी ख्याल रखना है. सरकार 5 जुलाई को बजट पेश करना चाहती है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मंगलोर में इलाज करवा रहे है. वह किसानों की कर्ज माफी के पक्ष में नहीं है. वहीं कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन सरकार किसानों के 10,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करेगी. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, 'किसानों द्वारा जिला सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों से लिए गए कर्ज और उसका ब्याज माफ किया जाएगा जिससे राजकोष पर 10,000 करोड़ रुपये का दबाव आएगा.' मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में किसानों की कर्ज माफी पर फैसला लिया गया.
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बैठक में सहकारी मंत्री बंदेप्पा खाशेमपुर, कृषि मंत्री एन. एच. शिवशंकर रेड्डी और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे. ऐसे में गठबंधन सरकार के मंत्री काफी दबाव में हैं. बजट होगा या नहीं इस पर काफी गोल मोल जवाब देते है. कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि सिद्धारमैया ने एक राय सामने रखी है कि पुराने बजट को ही पास कर दिया जाए. मुख्यमंत्री जी को अंतिम निर्णय लेना है.
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कर्नाटक में कांग्रेस को अगर गठबंधन सरकार चलानी है तो उसे पहले अपना घर ठीक करना होगा. मतभेद इतना ज्यादा है कि न तो मंत्रिमंडल का विस्तार हो पा रहा है और नहीं गठबंधन सरकार को चलाने के लिए बनी संवु समिति के नियम पूरे हो पाए हैं.
                                                                        
                                    
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