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This Article is From Feb 03, 2020

नागरिकता कानून और NRC-एनपीआर पर कांग्रेस और इंडियन मुस्लिम लीग ने दिया संसद में नोटिस

संसद के बीते सत्र में पास हुए नागरिकता कानून (CAA) को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दल बजट सत्र में भी इस मुद्दे पर चर्चा कराने की तैयारी कर रहे हैं.

नागरिकता कानून और NRC-एनपीआर पर कांग्रेस और इंडियन मुस्लिम लीग ने दिया संसद में नोटिस
CAA और एनसीआर-एनपीआर पर कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव दिया है
नई दिल्ली:

संसद के बीते सत्र में पास हुए नागरिकता कानून (CAA) को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दल बजट सत्र में  भी इस मुद्दे पर चर्चा कराने की तैयारी कर रहे हैं. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है कि नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनपीआर और एनआरसी को लेकर देश में जो हालात हैं उस पर चर्चा कराई जाए. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीएए पर पुनर्विचार के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है. वहीं के सुरेश और गौरव गोगोई ने भी यह नोटिस दिया है. तीनों नेताओं की नोटिस में एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया भी रोकने की बात कही गई है. वहीं इंडियन मुस्लिम लीग के सांसद पीके कुन्हालिकुट्टी  ने हाल ही में जामिया नगर में जारी धरने को लेकर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयानों और वहां हुई घटनाओं पर स्थगन प्रस्ताव दिया है.

आपको बता दें कि नागरिकता कानून संसद में पास होने के बाद बीते 50 दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन चल रहा है. वहीं इसके खिलाफ देश के कई शहरों में भी प्रदर्शन हुए हैं. इस दौरान कई जगहों पर हिंसा हुई है. जबकि दिल्ली के शाहीन बाग में जारी धरने से सरिता विहार-कालिंदी कुंज का रास्ता भी बंद है. बीते चार दिनों में जामिया नगर इलाके में फायरिंग की भी घटनाएं हो चुकी हैं.  नागरिकता कानून के खिलाफ विदेशों में भी कई जगहों पर प्रदर्शन हो हुए हैं.  

वहीं वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों के पीछे किसी राजनीतिक दल का हाथ नहीं है. येचुरी ने कहा कि मामला असल में यह है कि 'प्रदर्शनकारी हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और हम उनके पीछे चलते जा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि शाहीन बाग प्रदर्शन जब से शुरू हुआ है तब से इसने देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस प्रदर्शन ने उन्हें आपातकाल के दिनों की याद दिला दी. येचुरी यहां मुंबई कलेक्टिव में लोगों को संबोधित कर रहे थे. उनके साथ एनसीपी की लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं. उन्होंने कहा,'इस तरह के विरोध प्रदर्शन के पीछे कोई राजनीतिक दल नहीं है. वास्तव में वे हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और हम उनके पीछे चल रहे हैं.'  (इनपुट- भाषा से भी)

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