सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नशीले पदार्थों से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष आरोपी के बयान को सबूत नहीं माना जा सकता. इसे अभियुक्त को दोषी ठहराने के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की खंडपीठ ने बहुमत से दिए गए अपने निर्णय में यह राय दी. अदालत ने कहा कि NDPS कानून (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) की धारा 53 के तहत एक पुलिस अधिकारी को दिया गया इकबालिया बयान एक सबूत के रूप में स्वीकार्य बयान नहीं माना जाएगा. इस कानून के तहत अपराध के लिए एक अभियुक्त को दोषी ठहराने के लिए ध्यान में नहीं लिया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने 2:1 के बहुमत से ये फैसला सुनाया है.
यह निर्णय ऐसे वक्त आया है, जब नशीले पदार्थों के सेवन और तस्करी को लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई. बेंगलुरु औऱ अन्य शहरों में लगातार ड्रग पेडलर पर शिकंजा कस रही है. मुंबई में इसको लेकर कई फिल्मी सितारों से भी पूछताछ की जा चुकी है. एनसीबी नेबॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मामले में ड्रग्स कनेक्शन की जांच शुरू की थी.
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