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सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए कॉमन इंट्रेंस टेस्ट को खारिज कर दिया, जिसे मेडिकल काउंस ऑफ इंडिया ने लागू किया था।
सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 2:1 से दिए फैसले में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा के लिए अधिसूचना को गैरकानूनी करार दिया।
शीर्ष अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस फैसले से उन दाखिलों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, जो पहले ही लिए जा चुके हैं।
न्यायमूर्ति एआर दवे ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन के फैसले से असहमति जताई।
बहुमत के आधार पर दिए गए फैसले में पीठ ने कहा कि एमसीआई को अखिल भारतीय चिकित्सा प्रवेश परीक्षा के बारे में सिफारिश करने का अधिकार नहीं है। पीठ ने कहा कि एमसीआई की अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 19, 25, 26, 29 और 30 का उल्लंघन है।
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