सौर घोटाले की जांच कर रहे आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री चांडी और अन्य को दोषी ठहराया

केरल में विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ को बड़ा झटका देते हुए एक न्यायिक आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके निजी कर्मियों को करोड़ों रुपये के सौर पैनल घोटाले में जिम्मेदार ठहराया है.

सौर घोटाले की जांच कर रहे आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री चांडी और अन्य को दोषी ठहराया

तिरुवनंतपुरम:

केरल में विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ को बड़ा झटका देते हुए एक न्यायिक आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके निजी कर्मियों को करोड़ों रुपये के सौर पैनल घोटाले में जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इन सभी ने ग्राहकों से धोखाधड़ी में आरोपी सरिता एस नायर की मदद की थी. घोटाले की जांच करने वाले न्यायमूर्ति शिवराजन आयोग की चार खंडों में आई 1073 पन्नों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आज राज्य विधानसभा के एक विशेष सत्र में पेश की और इसकी प्रति मीडिया को उपलब्ध कराई गयी.

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पिछले साल मई में चांडी सरकार के जाने से पहले इस घोटाले ने उसे हिलाकर रख दिया था. जून 2013 में खबरें आई थीं कि मुख्यमंत्री कार्यालय के तीन कर्मी घोटाले में शामिल थे. सोलर पैनल सॉल्यूशन मुहैया कराके सरिता नायर और उनके सहयोगी बीजू राधाकृष्णन ने कई लोगों के साथ कथित तौर पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी. आयोग ने राज्य सरकार से यह सिफारिश भी की है कि भ्रष्टाचार के आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों को लागू करने पर गंभीरता से विचार किया जाए. आयोग ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके निजी स्टाफ- टेनी जोप्पन, जे जैकब, अंगरक्षक सलीमराज तथा दिल्ली में उनके सहयोगी थॉमस कुरुविल्ला के माध्यम से टीम सोलर की आरोपी सरिता एस नायर और उनकी कंपनी को उनके ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने देने में मदद की गयी थी.

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चांडी ने खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर रिपोर्ट में रत्ती भर भी सच हुआ तो वह सार्वजनिक जीवन छोड़ देने को तैयार हैं. चांडी ने कहा कि यह एलडीएफ सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध है. उन्होंने पूछा कि यह 'सोलर रिपोर्ट' है या 'सरिता रिपोर्ट' है. उन्होंने कहा कि आयोग ने जांच आयोग अधिनियम के सामान्य नियमों का संज्ञान लिये बिना ही बहुत गलत तरीके से काम किया है. आयोग ने यह भी कहा कि पूर्व गृह और सतर्कता मंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने यह सुनिश्चित करने के समस्त प्रयास किये कि चांडी अपने अधीन आने वाले पुलिस अधिकारियों के माध्यम से आपराधिक जवाबदेही से बाहर निकल जाएं.

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आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चांडी सरकार में मंत्री रहे अरयदान मोहम्मद ने भी टीम सोलर कंपनी की यथासंभव तरीके से मदद की थी. रिपोर्ट में सरिता द्वारा 19 जुलाई 2013 को लिखे गये विवादास्पद पत्र का ब्योरा भी शामिल है जिसमें उन्होंने प्रदेश और केंद्र के मंत्रियों समेत कांग्रेस के दर्जन भर नेताओं और दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ यौन कदाचार तथा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये थे. सरिता ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि उन्होंने सोलर परियोजनाएं स्थापित करने के लिए कई बार चांडी और उनके निजी सहयोगियों को 2.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. केरल विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब न्यायिक पैनल की रिपोर्ट पेश करने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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