नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक आवंटन पर कैग रिपोर्ट को लेकर संसद में लगातार तीसरे दिन हंगामा जारी है। बीजेपी सांसदों के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार तीसरे दिन भी नहीं चल सकी। बीजेपी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई है। उधर, सत्तापक्ष ने भी अपने तेवर कड़े कर लिए हैं और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों से कहा कि विपक्ष का तरीका सरासर गलत है और सरकार को बचाव की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए हमें भी आक्रामक रुख ही अपनाना चाहिए। इसके बाद माना जा रहा है कि संसद में सत्ता पक्ष के सदस्यों का सख्त रुख देखने को मिल सकता है।
संसद में जारी इस गतिरोध को तोड़ने के लिए राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सभी दलों के नेताओं को अपने चैंबर में बातचीत के लिए बुलाया। इस बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि चर्चा से ज्यादा जरूरी है कि जवाबदेही तय हो। वहीं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने स्पीकर से सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
कैग की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष पर सरकार ने संसद में जवाबी हमला करते हुए उनकी राज्य सरकारों को घेरे में लेने का प्रयास किया।
सत्ता पक्ष और विपक्ष की तनातनी में व्यवस्था नहीं बनते देख दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस मुद्दे पर लगातार तीसरे दिन भी प्रश्नकाल नहीं चल पाया। लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी, शिवसेना और अकाली दल के सदस्य कोयला ब्लॉक आवंटन एवं अन्य विभागों में कथित अनियमितताओं पर कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बीजेपी सदस्य 'प्रधानमंत्री इस्तीफा दो' का नारा लगाते हुए आसन के समीप आ गए। टीडीपी सदस्य भी आसन के समीप आकर कोई मांग करते देखे गए, लेकिन उनकी मांग सुनी नहीं जा सकी। जेडीयू सदस्य अपने स्थान पर शांत बैठे देख गए। इस बीच, वाम दल सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर इसी मांग को लेकर नारेबाजी करते देखे गए। अन्नाद्रमुक सदस्य भी कैग की रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगते देखे गए।
दूसरी ओर, कांग्रेस समेत यूपीए के सदस्य एक अखबार की प्रति लहराते हुए कोयला ब्लॉक आवंटन में बीजेपी समेत विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को घेरे में लेने का प्रयास किया और विपक्ष को संसद में चर्चा कराने की चुनौती दी। गौरतलब है कि समाचारपत्र की खबर में बीजेपी समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के कथित तौर पर कोयला ब्लॉक की नीलामी नहीं किए जाने की सिफारिश करने की बात कही गई है।
कैग की रिपोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन में बिना बोली लगाए, दिल्ली हवाई अड्डे के विकास और एक बिजली परियोजना के लिए कोयला देने जैसे मामलों में निजी कंपनियों को 3.06 लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का अनुमान लगाया गया है।
अध्यक्ष मीरा कुमार के सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने के आग्रह का कोई असर नहीं हुआ। शोर-शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग रहे बीजेपी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सभापति हामिद अंसारी ने राज्यसभा में गतिरोध को दूर करने के लिए सभी दलों के नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया है।
सदन की बैठक शुरू होने पर जैसे ही सभापति ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर कोयला आवंटन से जुड़ा मामला उठाना शुरू कर दिया। बीजेपी के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाए। सत्तापक्ष की ओर से भी सदस्यों ने विपक्ष के हमले पर पलटवार करते हुए 'प्रधानमंत्री जिंदाबाद' के नारे लगाए। सदस्यों के हंगामे के बीच सभापति अंसारी ने कार्यवाही चलने देने और सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन शोरगुल समाप्त नहीं हुआ। उन्होंने सभी दलों के नेताओं को अपने चैंबर में चर्चा के लिए बुलाया।
संसद में जारी इस गतिरोध को तोड़ने के लिए राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने सभी दलों के नेताओं को अपने चैंबर में बातचीत के लिए बुलाया। इस बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि चर्चा से ज्यादा जरूरी है कि जवाबदेही तय हो। वहीं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने स्पीकर से सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
कैग की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष पर सरकार ने संसद में जवाबी हमला करते हुए उनकी राज्य सरकारों को घेरे में लेने का प्रयास किया।
सत्ता पक्ष और विपक्ष की तनातनी में व्यवस्था नहीं बनते देख दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इस मुद्दे पर लगातार तीसरे दिन भी प्रश्नकाल नहीं चल पाया। लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी, शिवसेना और अकाली दल के सदस्य कोयला ब्लॉक आवंटन एवं अन्य विभागों में कथित अनियमितताओं पर कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बीजेपी सदस्य 'प्रधानमंत्री इस्तीफा दो' का नारा लगाते हुए आसन के समीप आ गए। टीडीपी सदस्य भी आसन के समीप आकर कोई मांग करते देखे गए, लेकिन उनकी मांग सुनी नहीं जा सकी। जेडीयू सदस्य अपने स्थान पर शांत बैठे देख गए। इस बीच, वाम दल सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर इसी मांग को लेकर नारेबाजी करते देखे गए। अन्नाद्रमुक सदस्य भी कैग की रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगते देखे गए।
दूसरी ओर, कांग्रेस समेत यूपीए के सदस्य एक अखबार की प्रति लहराते हुए कोयला ब्लॉक आवंटन में बीजेपी समेत विपक्षी दलों की राज्य सरकारों को घेरे में लेने का प्रयास किया और विपक्ष को संसद में चर्चा कराने की चुनौती दी। गौरतलब है कि समाचारपत्र की खबर में बीजेपी समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के कथित तौर पर कोयला ब्लॉक की नीलामी नहीं किए जाने की सिफारिश करने की बात कही गई है।
कैग की रिपोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन में बिना बोली लगाए, दिल्ली हवाई अड्डे के विकास और एक बिजली परियोजना के लिए कोयला देने जैसे मामलों में निजी कंपनियों को 3.06 लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का अनुमान लगाया गया है।
अध्यक्ष मीरा कुमार के सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने के आग्रह का कोई असर नहीं हुआ। शोर-शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग रहे बीजेपी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सभापति हामिद अंसारी ने राज्यसभा में गतिरोध को दूर करने के लिए सभी दलों के नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया है।
सदन की बैठक शुरू होने पर जैसे ही सभापति ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर कोयला आवंटन से जुड़ा मामला उठाना शुरू कर दिया। बीजेपी के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाए। सत्तापक्ष की ओर से भी सदस्यों ने विपक्ष के हमले पर पलटवार करते हुए 'प्रधानमंत्री जिंदाबाद' के नारे लगाए। सदस्यों के हंगामे के बीच सभापति अंसारी ने कार्यवाही चलने देने और सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन शोरगुल समाप्त नहीं हुआ। उन्होंने सभी दलों के नेताओं को अपने चैंबर में चर्चा के लिए बुलाया।
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