नई दिल्ली:
कोयला ब्लॉक आवंटन में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को दो निजी कम्पनियों, उसके निदेशकों एवं सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। सीबीआई ने सात शहरों में छापे भी मारे।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि विकास मेटल्स एंड पॉवर्स लिमिटेड और ग्रेस इंडस्ट्रीज के खिलाफ कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए अपने नेटवर्थ और संयुक्त उपक्रम के बारे में गलत सूचना देने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने इन कम्पनियों के कार्यालयों और आरोपी व्यक्तियों के आवासों पर सात शहरों -नागपुर, चंदरपुर (महाराष्ट्र), कोलकाता, आसनसोल, पुरुलिया (पश्चिम बंगाल) और गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में छापे मारे।
सूत्र के अनुसार इन कम्पनियों के प्रबंध निदेशकों और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी एवं आपराधिक षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया गया।
एक मामला कोलकाता की कम्पनी विकास मेटल एंड पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों विमल पटनी, विकास पटनी, आनंद पटनी, विरेंद्र कुमार जैन, कैलाश चंदर जैन, विजय कुमार जैन और आनंद मलिक के खिलाफ था, जिन्होंने अन्य लोगों के साथ कम्पनी की ओर से हस्ताक्षर किया था।
दूसरे मामले में नागपुर की कम्पनी ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसके निदेशकों मुकेश गुप्ता और सीमा गुप्ता को कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों तथा अन्य लोगों के साथ नामजद किया गया है।
सीबीआई के सूत्र ने कहा कि एक कम्पनी के मालिक ने कोयला ब्लॉक मिलने के बाद अपनी हिस्सेदारी बेच दी।
सीबीआई ने इससे पहले चार सितम्बर को पांच मामले दर्ज कर 30 ठिकानों पर छापे मारे थे।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि विकास मेटल्स एंड पॉवर्स लिमिटेड और ग्रेस इंडस्ट्रीज के खिलाफ कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए अपने नेटवर्थ और संयुक्त उपक्रम के बारे में गलत सूचना देने का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने इन कम्पनियों के कार्यालयों और आरोपी व्यक्तियों के आवासों पर सात शहरों -नागपुर, चंदरपुर (महाराष्ट्र), कोलकाता, आसनसोल, पुरुलिया (पश्चिम बंगाल) और गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में छापे मारे।
सूत्र के अनुसार इन कम्पनियों के प्रबंध निदेशकों और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी एवं आपराधिक षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया गया।
एक मामला कोलकाता की कम्पनी विकास मेटल एंड पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों विमल पटनी, विकास पटनी, आनंद पटनी, विरेंद्र कुमार जैन, कैलाश चंदर जैन, विजय कुमार जैन और आनंद मलिक के खिलाफ था, जिन्होंने अन्य लोगों के साथ कम्पनी की ओर से हस्ताक्षर किया था।
दूसरे मामले में नागपुर की कम्पनी ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसके निदेशकों मुकेश गुप्ता और सीमा गुप्ता को कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों तथा अन्य लोगों के साथ नामजद किया गया है।
सीबीआई के सूत्र ने कहा कि एक कम्पनी के मालिक ने कोयला ब्लॉक मिलने के बाद अपनी हिस्सेदारी बेच दी।
सीबीआई ने इससे पहले चार सितम्बर को पांच मामले दर्ज कर 30 ठिकानों पर छापे मारे थे।
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