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5 years ago
नई दिल्ली:

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया. लोकसभा में विधेयक को पेश किये जाने के लिए विपक्ष की मांग पर मतदान करवाया गया और सदन ने 82 के मुकाबले 293 मतों से इस विधेयक को पेश करने की स्वीकृति दे दी. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को संविधान के मूल भावना एवं अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की. गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस, आईयूएमएल, एआईएमआईएम, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि विधेयक कहीं भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है और इसमें संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया. शाह ने सदन में यह भी कहा ‘अगर कांग्रेस पार्टी देश की आजादी के समय धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं करती तो इस विधेयक की जरूरत नहीं पड़ती.' नागरिकता अधिनियम, 1955 का एक और संशोधन करने वाले विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थी के तौर पर आए उन गैर-मुसलमानों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो.

 Citizenship Amendment Bill in Lok Sabha LIVE Updates:

लोकसभा में पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, पक्ष में पड़े 311 वोट, विरोध में पड़े 80 वोट.

मैं इस सदन को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब हम NRC लेकर आएंगे, एक भी घुसपैठिया इस देश के अंदर बच नहीं पायेगा : अमित शाह
रोहिंग्याओं को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा, ये मैं आज फिर कह रहा हूं: अमित शाह
पीओके भी हमारा है, उसके नागरिक भी हमारे हैं और आज भी हम जम्मू कश्मीर की विधानसभा में 24 सीट इनके लिए आरक्षित रखते हैं: अमित शाह

भारत ने किसी भी रिफ्यूजी पॉलिसी को स्वीकार नहीं किया है. पारसी भी प्रताड़ित होकर ईरान से भारत आए थे : अमित शाह
ये कानून किसी एक धर्म के लोगों के लिए नहीं लाया गया है. ये सभी प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए है. इसलिए इसमें आर्टिकल-14 का उल्लंघन नहीं होता: अमित शाह
1951 में भारत में मुस्लिम 9.8 प्रतिशत थे. आज 14.23 प्रतिशत हैं, हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया. आगे भी किसी के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा: अमित शाह
बांग्लादेश में 1947 में अल्पसंख्यकों की आबादी 22% थी जो 2011 में 7.8 % हो गई. आखिर कहां गए ये लोग. जो लोग विरोध करते हैं उन्हें मैं पूछना चाहता हूं कि अल्पसंख्यकों का क्या दोष है कि वो इस तरह क्षीण किए गये : अमित शाह
3 देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संविधान में इस्लाम को राज्य धर्म बताया है. वहां अल्पसंख्यकों को न्याय मिलने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है. 1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23% थी. 2011 में ये 3.7% पर आ गई: अमित शाह
नेहरू-लियाकत समझौते में भारत और पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों का ध्यान रखने का करार किया लेकिन पाकिस्तान ने इस करार का पूरा पालन नहीं किया: अमित शाह
इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो मुझे बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती. सदन को ये स्वीकार करना होगा कि धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है. जिस हिस्से में ज्यादा मुस्लिम रहते थे वो पाकिस्तान बना और दूसरा हिस्सा भारत बना : अमित शाह
कई सदस्यों ने आर्टिकल-14 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है. न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है : लोकसभा में अमित शाह
मैंने पहले ही कहा कि ये बिल लाखों-करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति दिलाने का जरिया बनने जा रहा है. इस बिल के माध्यम से उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम होगा : अमित शाह
देश का विभाजन धर्म के आधार पर नहीं होता तो मुझे बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो मुझे बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती, सदन को ये स्वीकार करना होगा कि धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है.
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने वक्तव्य के अंत में बिल फाड़ दिया.

लोजपा सांसद चिराग पासवान ने लोकसभा में नागरिक संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा, 'अल्‍पसंख्‍यकों को डरने की जरूरत नहीं, यह बिल उनके खिलाफ नहीं है'
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा, 'आज गृह मंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर देश के बंटवारे के लिए कांग्रेस जिम्‍मेदार है. मैं यह स्‍पष्‍ट कर देना चाहता हूं कि दो देशों के सिद्धांत की नींव 1935 में अहमदाबाद में हिंदू महासभा के सत्र के दौरान सावरकर द्वारा रखी गई थी न कि कांग्रेस के द्वारा.'

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा : राशन कार्ड या किसी दस्तावेज के बिना भी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी.
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम की तरह मणिपुर को भी नागरिकता संशोधन बिल से छूट मिली.

हम पूर्वोत्तर की स्थानीय संस्कृति एवं रीति रिवाज का संरक्षण करने के लिये प्रतिबद्ध हैं : अमित शाह
नागरिकता विधेयक में संशोधन करना भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है और इसे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लोगों की मंजूरी मिली है : गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा.
किसी भी देश की सरकार का ये कर्तव्य है कि सीमाओं की रक्षा करे, घुसपैठियों को रोके, शरणार्थियों और घुसपैठियों की पहचान करे. कौन सा ऐसा देश है जिसने बाहर के लोगों को नागरिकता देने के लिए कानून न बनाया हो. हमने भी ऐसा कानून बनाया है. हमने एकल नागरिकता का प्रावधान किया है : अमित शाह
इस विधेयक को इस महान सदन की अनुशंसा मिलने के बाद ही लाखों करोड़ों लोग यातना पूर्ण जीवन से मुक्त हो जायेंगे और सम्मान के साथ भारत के नागरिक बन जायेंगे : अमित शाह
अमित शाह ने लोकसभा में कहा, 'नागरिकता संशोधन विधेयक धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का बिल है. इस बिल ने किसी मुस्लिम के अधिकार नहीं लिए हैं. हमारे एक्ट के अनुसार कोई भी आवेदन कर सकता है. नियमों के अनुसार आवेदन करने वालों को नागरिकता दी जाएगी.'
लोकसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह, 'नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. किसी के साथ अन्‍याय का कोई प्रश्‍न ही नहीं है.'

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि गृह मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं. वह (शाह) इस सदन के नये सदस्य हैं. उन्हें कम जानकारी है. इस पर भाजपा के सदस्यों ने विरोध जताया.
आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी और ई टी मोहम्मद बशीर, कांग्रेस के शशि थरूर तथा एआईएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करने वाला बताते हुए और इसे पेश किये जाने का विरोध किया.
गृह मंत्री शाह ने विधेयक से संविधान के अनुच्छेद 11 और 14 का उल्लंघन होने संबंधी विपक्षी सदस्यों की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा, 'मैं सदन को और सदन के माध्यम से पूरे देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक किसी भी तरह संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं करता.' उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 14 तर्कसंगत वर्गीकरण के आधार पर कानून बनाने से नहीं रोक सकता.
विधेयक को पेश किये जाने के विरोध में 82 मत पड़े, वहीं समर्थन में 293 मत पड़े.
इन देशों से अगर मुस्लिम आवेदन करता है तो तय नियमों के अनुसार आवेदन पर विचार होगा. लेकिन इस बिल के आधार पर नहीं हो सकता क्योंकि उनकी धार्मिक आधार पर प्रताड़ना नहीं हुई है: अमित शाह
कांग्रेस ने देश को धर्म के आधार पर बांटा.- अमित शाह
नागरिकता बिल पर भाजपा सांसद आरके सिन्हा: अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति को पड़ोसी देश में प्रताड़ित किया जाता है तो उनके लिए 56 इस्लामिक देश हैं शरण लेने के लिए. हिंदू और सिख कहां जाएंगे. उत्तर-पूर्व में बिल का विरोध घुसपैठिए कर रहे हैं.

मैं नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ- सौगत राय
अमित शाह ने विपक्ष से कहा- वॉकआउट मत करना, सभी सवालों के जवाब दूंगा...
अभी इस बिल की मेरिट पर चर्चा नहीं- अमित शाह
धर्म-जाति के आधार पर भेदभाव गलत- अधीर रंजन चौधरी
लोकसभा में बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल कहीं से भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया बिल
सपा प्रमुख अखिलेश यादव: हम नागरिकता बिल का विरोध करते हैं और पार्टी हर कीमत पर इसका विरोध करेगी.
असम: नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन.
आर्म्स एक्ट अमेंडमेंट बिल भी आज ही लोक सभा में पारित कराया जाएगा.
नागरिकता संशोधन बिल को लोक सभा में पारित कराने के बाद बुधवार को राज्य सभा में लाया जाएगा. 

दिल्ली: असम से AIUDF सांसद बदरुद्दीन अजमन ने संसद परिसद में किया प्रदर्शन.
दिल्ली: बिल के विरोध में AIUDF ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन.
असम: नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन में गुवाहाटी में दुकानें बंद.
नागरिकता संशोधन बिल पर बदरूद्दीन अजमल: यह बिल संविधान और हिंदू-मुस्लिम एकता के खिलाफ है. हम इस बिल को खारिज करेंगे और विपक्ष हमारे साथ है.
दिल्ली: संसद पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह. लोकसभा में आज पेश करेंगे नागरिकता बिल.
प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में पेश किया जाएगा नागरिकता संशोधन बिल
कांग्रेस संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है.
माकपा ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक का रविवार को विरोध करते हुए कहा कि सरकार इसके जरिए मोहम्मद अली जिन्ना के ''द्विराष्ट्र के सिद्धांत'' को लागू कर रही है. पार्टी ने यह भी कहा कि भारत को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए.
असम में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ विभिन्न प्रकार से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिनमें नग्न होकर प्रदर्शन करना और तलवार लेकर प्रदर्शन करना भी शामिल है.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में वामपंथी विचारधारा वाले करीब 16 संगठनों ने 10 दिसंबर को 12 घंटे का असम बंद आहूत किया है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज लोकसभा में पेश करेंगे नागरिकता बिल

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