नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का बीते गुरुवार पूरे देश में जमकर विरोध हुआ. योगेंद्र यादव, रामचंद्र गुहा, कन्हैया कुमार, पप्पू यादव, फरहान अख्तर, सुशांत सिंह सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में इस कानून को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला. मशहूर इतिहासकार व लेखक रामचंद्र गुहा (Ramachandra Guha) बेंगलुरु में प्रदर्शनकारियों के साथ सड़क पर निकले. शहर में धारा 144 लागू थी, लिहाजा पुलिस ने सभी लोगों को हिरासत में ले लिया. बेंगलुरु पुलिस का दावा है कि हिरासत में लिए जाने के बाद गुहा सहित अन्य लोगों को लजीज खाना परोसा गया.
एसीपी के. गौड़ा ने इस बारे में कहा, 'हम लोग पहले इंसान हैं और फिर खाकी वर्दी वाले. कानून के सामने सभी बराबर हैं. हम सम्मान और स्नेह के साथ सभी का ख्याल रखते हैं. रामचंद्र गुहा सहित दर्जनों लोगों को कुछ घंटे के लिए हिरासत में लिया गया था. हमने सभी के लिए पुलिस स्टेशन के पास स्थित होटल से शाकाहारी खाना मंगवाया क्योंकि उस समय लंच टाइम था.'
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के. गौड़ा ने बताया कि उन्हें (रामचंद्र गुहा) हिरासत में लेने वाले बहुत से पुलिसकर्मी नहीं जानते थे कि वह मशहूर इतिहासकार व लेखक हैं. हिरासत में उनका ख्याल रखा गया. वह शांत किस्म के इंसान हैं. गुरुवार शाम को रामचंद्र गुहा सहित 120 लोगों को हिरासत से रिहा कर दिया गया था. एसीपी ने बताया कि गुहा ने सत्कार के लिए पुलिस का शुक्रिया अदा किया.
बताते चलें कि नागरिकता संशोधन कानून 11 दिसंबर को संसद से पारित हो चुका है. इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांग्लादेश के हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी नागरिकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. बताते चलें कि शुक्रवार को भी इस कानून के विरोध में दिल्ली के जामा मस्जिद में लोग जमा हुए हैं. जामा मस्जिद से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च निकाला जाएगा लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी है. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद भी वहां मौजूद हैं.
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