पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग संबंधी केरल विधानसभा के प्रस्ताव का शुक्रवार को समर्थन करते हुए कहा कि यह लोगों की आवाज है और केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे एक खुले पत्र में, पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यों ने पहले ही मामले पर आवश्यक कानूनी सलाह ले ली है.
पत्र में उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून पर केरल विधानसभा के प्रस्ताव को 'लोगों की आवाज' करार देते हुए कहा कि लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से आवाज उठाते हैं, इसलिए केंद्र से आग्रह है कि वे इसपर ध्यान दें. सिंह ने कहा, 'विधायक लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करते हैं.'
उन्होंने कहा कि यह न केवल संसदीय विशेषाधिकार का मामला है, बल्कि उन प्रतिनिधियों का संवैधानिक कर्तव्य है कि वे इस तरह के विचारों से अवगत हों. पश्चिम बंगाल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत गैर भाजपाई राज्य पहले ही नए नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इसके विरोध का ऐलान कर चुके हैं.
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