राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ओडिशा के कटक में रविवार को कहा कि अगर इंग्लैंड में रहने वाले अंग्रेज हैं, जर्मनी में रहने वाले जर्मन हैं और अमेरिका में रहने वाले अमेरिकी हैं तो फिर हिन्दुस्तान में रहने वाले सभी लोग हिन्दू क्यों नहीं हो सकते।
कटक में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा, 'सभी भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान हिंदुत्व है और देश में रहने वाले इस महान सस्कृति के वंशज हैं।'
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन शैली है और किसी भी ईश्वर की उपासना करने वाला अथवा किसी की उपासना नहीं करने वाला भी हिंदू हो सकता है। स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए भागवत ने कहा कि किसी ईश्वर की उपासना नहीं करने का मतलब यह जरूरी नहीं है कि कोई व्यक्ति नास्तिक है, हालांकि जिसका खुद में विश्वास नहीं है, वह निश्चित तौर पर नास्तिक है।
वहीं इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि भारतीय संविधान में इस देश को इंडिया या भारत कहा गया है, न कि हिंदुस्तान। यह बात मोहन भागवत को बताई जानी चाहिए।
लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने भी कांग्रेस से जुड़ी बात ही कही और पूछा कि आरएसएस को यह साफ करना चाहिए कि वह भारतीय संविधान का सम्मान करता है या नहीं। उधर, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी भागवत को संविधान का ज्ञान लेने और फिर कमेंट करने की बात कही है।
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